यूरोप से हिमाचल होते हुए इस खास शहर में पहुंच रहे विदेशी पक्षी, जानिए क्या है वजह
trendingNow1617628

यूरोप से हिमाचल होते हुए इस खास शहर में पहुंच रहे विदेशी पक्षी, जानिए क्या है वजह

भावनगर में साल के अंतिम चरण में विविध प्रकार के विदेशी पक्षी हिमाचल को पार कर गोहिलवाड की मेहमान नवाज़ी के लिए पहुंचे हैं.

यूरोप से हिमाचल होते हुए इस खास शहर में पहुंच रहे विदेशी पक्षी, जानिए क्या है वजह

गुजरात: भावनगर शहर में कुदरती संपत्तियों का भंडार है. इस शहर में लम्बा सौदरा किनारा है, कई पर्वत हैं और शहर के मध्य में हरे भरे वन हैं. भावनगर में वर्ष के अंतिम चरण में विविध प्रकार के विदेशी पक्षी हिमाचल को पार कर गोहिलवाड की मेहमान नवाज़ी के लिए पहुंचे हैं. देश और विदेश में से आ रहे विविध पक्षियों को देखने के लिए भावनगर के लोग काफी उत्सुक हैं. 

यहां आ रहे ये हरियर पक्षी तीन जाति के होते हैं. जिसमे पेलीड हेरियर, मोंटेगस हेरियर और मार्श हेरियर शामिल हैं और हेरोनरी में विवध जाति के बगले जैसे कि पॉइंटेड स्टोर्क, लिटल इग्रेट, आईबीस जैसे पक्षियों का समावेश होता है. भावनगर शहर में खास करके समुद्र किनारे साथ ही कुंभारवाड़ा खार इलाके, नारीरोड, रउवा रवेची तालाब पर जलाशयों में ब्राह्मिनी डक, मुरहेन, विस्लिंग डक, नकटो, वगेरे पक्षियों के झुंड देखने को मिलते हैं. यूरोपियन देशों में सर्दियों में बेहद ठंड होने की वजह से विविध जाति के पक्षी हिमालय पर्वत को पार कर भारत के अनेक इलाकों में और ख़ास करके भावनगर में पहुंचते हैं. 

fallback

भावनगर शहर में गंगाजलिया तालाब के आसपास के पीलगार्डेन, महिलाबाग, टाउन हॉल समेत कई इलाकों के पेड़ पर ये पक्षी अपना घर बना रहे हैं. ये वृक्षों पर घोंसला बनाकर उसमे अंडे देते हैं और बच्चे बड़े हो तब तक उसका ख्याल रखते हैं. ये पक्षी यूरोप की कातिलाना ठंड से बचने के लिए भारत में और ख़ास करके भावनगर की मेहमान नवाज़ी के लिए यहां पहुंच रहे हैं. 

इन पक्षियों को देखने के लिए बड़ी संख्या में पक्षी प्रेमियों की भीड़ उमड़ रही है. भावनगर शहर के मध्य में ये तमाम पक्षी बसते हैं जो सामान्य तौर पर बाकी शहरों में देखने को नहीं मिलते हैं. जिससे उनका ख्याल रखने के लिए भावनगर वासियों की नैतिक जिम्मेदारी बनती है. अब इस जगह को विकसित करने के लिए जनता मांग कर रही है.

ये भी देखें-

कुम्भारवडा खारे इलाके में जहां ये विदेशी पक्षी अपने भोजन की तलाश में होते हैं, वहां रात्रि के दौरान केमिकल युक्त पानी गिराया जाता है जो इन पक्षियों के लिए घातक साबित हो सकता है. 

Trending news