Hyderabad Fire Reason: हैदराबाद में रविवार को चारमीनार के पास गुलजार हाउस में अचानक भीषण आग लग गई. फायर ब्रिगेड की 11 गाड़ियों और 87 कर्मियों की क्विक एक्शन के बावजूद कई चुनौतियों की वजह से 17 लोगों की मौत हो गई.
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Gulzar House Charminar Fire Cause (श्रीचरण शर्मा): हैदराबाद में रविवार को चारमीनार के पास गुलजार हाउस में अचानक भीषण आग लग गई, जिसमें आठ बच्चों सहित 17 लोगों की मौत हो गई. हादसे में कई लोग घायल भी हुए हैं. घटना की सूचना मिलने पर दमकलकर्मी तुरंत हरकत में आ गए और व्यावसायिक क्षेत्र की भीड़भाड़ वाली गली में फंसे कुछ लोगों को बचाया, लेकिन इसके बावजूद 17 लोगों की मौत हो गई. इसके बाद यह सवाल उठने लगा है कि आखिर अचानक इतनी भयानक आग कैसे लग गई, जिससे लोगों को बचाया नहीं जा सका?
गुलजार हाउस में कैसे लगी इतनी भीषण आग?
तेलंगाना राज्य अग्नि आपदा प्रतिक्रिया और आपातकालीन सेवाओं के शुरुआती जांच में पता चलता है कि कई संरचनात्मक खामियां, भंडारण संबंधी खतरे और एंट्री-एग्जिट की पतली जगह समेत कई समस्याएं थीं. इस वजह से वहां रहने वाले लोगों के पास कोई रास्ता नहीं बचा था. अधिकारियों का कहना है कि आग सुबह 6:16 बजे लगी, जो संभवतः इमारत की एकमात्र सीढ़ी के पास स्थित एक एयर कंडीशनर यूनिट में शॉर्ट सर्किट के कारण लगी. कुछ ही मिनटों में लपटों ने संकरी सीढ़ी को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे ऊपरी मंजिलों पर रहने वालों के लिए भागने का एकमात्र रास्ता बंद हो गया.
इस भयानक त्रासदी का कारण क्या था?
1. एंट्री और एग्जिट पॉइंट पर लगी भयानक आग सबसे बड़ा कारण थी. आग संभवतः एकमात्र सीढ़ी के पास एक एसी इकाई में शॉर्ट सर्किट से शुरू हुई.
2. इस स्थान पर आग की लपटें और धुआं फैलने के बाद लोगों का बचना असंभव जैसा हो गया. इसके साथ ही बचाव कार्य में भी मुश्किल आई.
3. इमारत में केवल एक प्रवेश और निकास था. इमारत में एक ही आंतरिक सीढ़ी थी, जो एक मीटर से कम चौड़ी थी. जबकि, पीछे से कोई निकास या वैकल्पिक सीढ़ियां नहीं थीं.
4. इसके साथ ही छत का दरवाजा भी बंद था. छत का दरवाजा आपातकालीन निकास के रूप में काम आ सकता था, लेकिन घटना के समय वह बंद था. चार निवासियों को अंततः सीढ़ी द्वारा छत से बचाया गया, लेकिन अन्य लोग समय पर उस तक नहीं पहुंच सके.
आग इतनी भयानक क्यों हो गई?
सीढ़ी के पास एसी यूनिट में लगी आग पूरी इमारत में अचानक फैल गई, क्योंकि वहां बड़ी मात्रा में तेजी से जलने वाली चीजें रखी हुई थीं. इसमें बड़ी मात्रा में कपड़े शामिल थे, जिससे आग तेजी से फैली और इसके बाद भारी मात्रा जहरीला धुआं निकलने लगा. मेन एंट्री पॉइंट पर दोपहिया गाड़िया (बाइक्स) खड़ी थीं, जिसमें आग पकड़ने के बाद यह और ज्यादा भड़क गई. इस वजह से गर्मी काफी ज्यादा बढ़ गई और बचाव दल का प्रवेश पाना मुश्किल हो गया.
इमारत में वेंटिलेशन की कमी
इमारत में सड़क की ओर कोई खिड़कियां या बाहर की तरफ खुलने वाली कोई जगह नहीं थी, जिससे इमारत में वेंटिलेशन की कमी हो गई. इसके साथ ही रेस्क्यू टीम को तुरंत एंट्री के लिए हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म का उपयोग करना भी असंभव हो गया.
फायर फाइटर्स के सामने चुनौतियां
बचाव कार्य के दौरान फायर फाइटर्स को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा. सीढ़ियां पूरी तरह से जल गई थीं, जो एकमात्र एंट्री और एग्जिट पॉइंट था. इसके साथ ही वेंटिलेशन की कमी की वजह से इमारत में धुएं और अत्यधिक गर्मी भर गई थी, जिससे लोग अंदर फंस गए. इसके बाद बचाव दलों को पहली मंजिल पर दीवार तोड़कर अंदर घुसना पड़ा और रेस्क्यू का काम शुरू करना पड़ा. एंट्री पॉइंट नहीं होने की वजह से हाइड्रोलिक लिफ्टों का उपयोग नहीं किया जा सका. बचाव कर्मियों को छत से कुछ लोगों को बचाने के लिए सीढ़ियों का उपयोग करना पड़ा.
फायर ब्रिगेड की 11 गाड़ियां और 87 कर्मी
घटना की सूचना मिलते ही फायर फाइटर्स की टीम तुरंत घटनास्थल पह पहुंच गई, लेकिन इमारत में कपड़े और सिंथेटिक सामग्री रखे होने की वजह से आग तेजी से बढ़ी और तेज गर्मी के साथ ही धुआं भर गया, जिससे बचाव और अग्निशमन का काम धीमा हो गया. फायर ब्रिगेड की 11 गाड़ियों और 87 कर्मियों की क्विक एक्शन के बावजूद कई चुनौतियों की वजह से इतनी बड़ी घटना हो गई. यह पिछले कुछ सालों में सबसे घातक आग की घटनाओं में से एक है, जिसकी आधिकारिक जांच जारी है.