फेसबुक डाटा: मोदी सरकार का कैंब्रिज एनालिटिका को नोटिस, सोर्स और क्लाइंट का नाम भी पूछा
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फेसबुक डाटा: मोदी सरकार का कैंब्रिज एनालिटिका को नोटिस, सोर्स और क्लाइंट का नाम भी पूछा

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बयान में कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कैंब्रिज एनालिटिका को नोटिस जारी किया.

कैंब्रिज एनालिटिका पर 5 करोड़ फेसबुक यूजर्स के डाटा को चोरी करने का आरोप है.

नई दिल्ली: सरकार ने फेसबुक उपयोगकर्ताओं के डेटा चोरी मामले में कैंब्रिज एनालिटिका को नोटिस जारी किया है और 31 मार्च तक उससे जवाब मांगा है. सरकार ने कैंब्रिज एनालिटिका से पूछा है कि क्या वह भारतीयों के डेटा दुरुपयोग और उनके मतदान करने के तरीके को प्रभावित करने में शामिल थी. नोटिस में कंपनी से यह भी पूछा गया है कि किन इकाइयों ने उसकी सेवाएं ली हैं, वह किस तरीके से आंकड़े रखती है और क्या प्रयोगकर्ताओं की सहमति लेती है.

  1. सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कैंब्रिज एनालिटिका को जारी किया नोटिस.
  2. फेसबुक के 5 करोड़ यूजर्स की व्यक्तिगत जानकारियों को लीक करने का आरोप.
  3. इसका इस्तेमाल कथित तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में किया गया.

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बयान में कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कैंब्रिज एनालिटिका को नोटिस जारी किया. यह स्वामित्व और डेटा का दुरुपयोग कर प्रयोगकर्ताओं के प्रोफाइल बनाने और उनके मतदान के तरीके को प्रभावित करने जैसे गंभीर उल्लंघन का मामला है. मंत्रालय ने कंपनी से पूछा है कि क्या इन आंकड़ों के आधार पर प्रोफाइल बनाया गया? इससे पहले इसी सप्ताह विधि एवं कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने सोशल मीडिया क्षेत्र की दिग्गज फेसबुक को आगाह किया था, यदि उसने आंकड़ों की चोरी के जरिये चुनावों को प्रभावित करने का प्रयास किया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

कंपनी पर आरोप है कि उसने 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान मतदाताओं को डोनाल्ड ट्रंप के पक्ष में प्रभावित करने के लिए फेसबुक के पांच करोड़ उपयोगकर्ताओं की व्यक्तिगत जानकारियों का दुरुपयोग किया था. इस मामले के सामने आने के बाद फेसबुक और कैंब्रिज एनालिटिका दोनो को यूरोपीय संघ, ब्रिटेन समेत अमेरिका में भी कानूनी कार्रवाइयों का सामना करना पड़ रहा है. दोनों कंपनियां इस मामले को लेकर भारी आलोचना झेल रहीं हैं.

फेसबुक विवाद: मार्क जुकरबर्ग ने मानी गलती, कहा- डाटा लीक होना विश्वास में सेंध लगने जैसा

जुकरबर्ग ने मांगी थी माफी
फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने बुधवार (21 मार्च) को कैम्ब्रिज एनालिटिका स्कैंडल मामले में गलती स्वीकार करते हुए कहा था कि यह विश्वासघात का मामला है. जुकरबर्ग ने फेसबुक पोस्ट कर कहा था, "मैं कैंब्रिज एनालिटिका को लेकर अपनी बात रखना चाहता हूं. हम इस दिशा में समस्याओं से निपटने के लिए जरूरी कदम उठा लिए हैं. मैं यह समझने की कोशिश की दिशा में काम कर रहा हूं कि असल में हुआ क्या और इसे दोबारा होने से कैसे रोका जाए." जुकरबर्ग ने कहा था, "अच्छी खबर यह है कि इसे रोकने के लिए जो जरूरी कदम हमने आज उठाए हैं, वे असल में कई वर्षो पहले ही उठा लिए गए थे लेकिन हमने फिर भी गलतियां कीं, लेकिन अब हमें इन्हें दोबारा होने से रोकने के लिए कमर कसने की जरूरत है."

इजरायल ने फेसबुक डेटा सेंधमारी मामले की जांच शुरू की
वहीं दूसरी ओर इजरायल के न्याय मंत्रालय ने गुरुवार (22 मार्च) को कहा कि इजरायली फेसबुक यूजर्स की निजी जानकारियों के लीक होने के मामले की जांच शुरू कर दी गई है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, मंत्रालय ने कहा कि ब्रिटेन की कंसल्टिंग कंपनी कैम्ब्रिज एनालिटिका द्वारा पांच करोड़ फेसबुक यूजर्स के डेटा के दुरुपयोग की मीडिया रिपोर्टों के बाद जांच शुरू कर दी गई है। न्याय मंत्रालय ने कहा, "इजरायल के निजता सुरक्षा प्राधिकरण ने गुरुवार (22 मार्च) को फेसबुक को सूचित किया कि इन गतिविधियों की जांच शुरू कर दी गई है। 

(इनपुट एजेंसी से भी)

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