कड़े संघर्ष के बाद IAS बने किसान के बेटे प्रदीप द्विवेदी, थर्ड अटेम्प्ट में पाई All India Rank
बुंदेलखंड के किसान के बेटे प्रदीप द्विवेदी ने बचपन से ही कड़ा संघर्ष किया लेकिन हार नहीं मानी. हाल ही में वे UPSC परीक्षा पास करके ना केवल IAS बने, बल्कि इस एग्जाम में 74वीं रैंक भी पाई.
नई दिल्ली: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) का एग्जाम क्लियर करना और
IAS अधिकारी बनना एक बहुत बड़ी उपलब्धि है. कड़ी मेहनत, इंटेलीजेंस, अनुशासन और अपने लक्ष्य को पाने की जिद की दम पर ही यह उपलब्धि हासिल की जा सकती है. लाखों उम्मीदवार इस परीक्षा में बैठते हैं, लेकिन सफलता मुट्ठी भर लोगों को ही मिलती है. यही नहीं उम्मीदवार इस एग्जाम में सफल होने के लिए अपने कई साल लगा देते हैं, फिर भी कामयाब नहीं हो पाते. आज हम एक ऐसे सफल उम्मीदवार प्रदीप द्विवेदी की सक्सेस स्टोरी जानते हैं, जिन्होंने तीसरे प्रयास में न केवल UPSC एग्जाम (UPSC Exam) क्लियर किया, बल्कि पूरे देश में 74वीं रैंक भी हासिल की.
किसान परिवार से हैं प्रदीप द्विवेदी
बुंदेलखंड के रहने वाले प्रदीप द्विवेदी एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिता एक किसान थे और उनकी मां गृहिणी हैं. प्रदीप ने बचपन में काफी संघर्ष किया लेकिन पढ़ाई नहीं छोड़ी. उन्होंने भोपाल से इंजीनियरिंग की और मध्य प्रदेश के इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट में उन्हें नौकरी मिल गई. फिर उनकी रुचि यूपीएससी एग्जाम में जगी. उन्होंने तय किया कि वह केवल 2 बार प्रयास करेंगे.
यह भी पढ़ें: बचपन में लकड़ी उठाती थीं मीराबाई, अब टोक्यो में भारत को दिलाया पहला मेडल
तीसरे प्रयास में आई ऑल इंडिया रैंक
2 बार में सफलता न मिलने पर प्रदीप ने तीसरी बार एग्जाम दिया और देश में 74वीं रैंक हासिल की. यूपीएससी की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स के लिए प्रदीप कहते हैं, 'तैयारी शुरू करने से पहले वेबसाइट पर यूपीएससी परीक्षा के सिलेबस और पैटर्न की जांच करना बहुत जरूरी है, ताकि उसके मुताबिक स्टडी मटैरियल (Study Material) तैयार किया जा सके. शुरुआत में फार्मल कोचिंग की जरूरत नहीं होती है लेकिन मेन्स और इंटरव्यू के लिए कोचिंग ले सकते हैं.'
इसके अलावा वह कहते हैं, 'खुद को अपडेट रखने के लिए इंटरनेट की मदद लें और सेल्फ स्टडी पर फोकस करें. इस एग्जाम को निकालने के लिए सेल्फ स्टडी करना बहुत जरूरी है.'