Farmers Protest Delhi March: किसान एक बाद फिर दिल्ली आने कूच करने वाले हैं. किसानों के दिल्ली चलो मार्च के ऐलान के बाद पंजाब-हरियाणा और दिल्ली की पुलिस के लिए आज अग्निपरीक्षा होने वाली है. पुलिस ने किसानों को शंभू बार्डर पर रोकने के लिए पूरी तैयारी शुरू की है. स्कूल बंद, जाम की आशंका, जानें किसानों के मार्च से जुड़ी दस बड़ी बातें.
- पंजाब-हरियाणा सीमा पर शंभू बॉर्डर पर डेरा डाले हुए किसान शुक्रवार को दिल्ली में संसद तक अपना मार्च फिर से शुरू करने वाले हैं. उनका विरोध न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के कानूनी आश्वासन सहित कई मांगों पर केंद्रित है. दोपहर 1 बजे शुरू होने वाले इस मार्च के कारण इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. किसानों के मार्च को लेकर प्राइवेट, सरकारी स्कूल बंद कर दिए गए हैं. अधिकारियों ने बैरिकेड्स को मजबूत किया है, लेकिन अतिरिक्त बल तैनात नहीं किया है. अंबाला जिला प्रशासन ने भी पांच या उससे अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगा दिया है.
- किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा ‘‘जत्था दिल्ली की ओर मार्च करेगा. सरकार क्या करेगी, यह उसे सोचना है. हम अपराह्न एक बजे शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर कूच करेंगे.’’ उन्होंने कहा कि अगर अब भी सरकार उन्हें मार्च निकालने से रोकती है तो यह उनके लिए ‘‘नैतिक जीत’’ होगी. उन्होंने कहा, "केंद्र और राज्यों में उनके नेता नियमित रूप से कहते रहे हैं कि अगर किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली नहीं लाते हैं, तो कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए. इसलिए अगर हम पैदल दिल्ली जाते हैं, तो किसानों को रोकने का कोई कारण नहीं होना चाहिए." संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) एवं किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसानों ने अपनी मांगों के समर्थन में इससे पहले पैदल दिल्ली कूच करने की घोषणा की थी. किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि किसान ट्रैक्टर लेने के बजाय पैदल मार्च करेंगे. शंभू बॉर्डर से करीब 100 किसानों के मार्च की शुरुआत करने की उम्मीद है.
- एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने न्यूज एजेंसी से बात करते हुए बताया ‘‘हमने किसानों के राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च से पहले दिल्ली-चंडीगढ़ राजमार्ग पर सिंघू सीमा पर एक बड़े स्तर पर तैनाती की योजना बनाई है. हम स्थिति का विश्लेषण कर रहे हैं और अगर हमें किसानों के आंदोलन के बारे में कोई खुफिया जानकारी मिलती है, तो उसके अनुसार निर्णय लिया जाएगा.’’
- एक अन्य अधिकारी ने कहा कि वर्तमान में, सिंघू सीमा पर स्थानीय पुलिस द्वारा चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्ययोजना (जीआरएपी)-चार उपायों और कानून व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए चेक पोस्ट लगाए गए हैं. फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे किसानों ने पहले 13 फरवरी और 21 फरवरी को दिल्ली की ओर मार्च करने का प्रयास किया था, लेकिन उन्हें पंजाब-हरियाणा सीमाओं पर शंभू और खनौरी में सुरक्षा बलों ने रोक दिया था.
- संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान तब से शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले हुए हैं. बुधवार को हरियाणा के अंबाला जिला प्रशासन ने पंजाब के किसानों से दिल्ली के लिए अपने प्रस्तावित मार्च पर पुनर्विचार करने को कहा और उन्हें दिल्ली पुलिस से अनुमति मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई पर विचार करने को कहा. हालांकि, दिल्ली पुलिस ने कहा कि उन्हें पंजाब के किसानों से दिल्ली मार्च करने का कोई अनुरोध नहीं मिला है.
- वहीं, जींद और अंबाला प्रशासन ने जिले में पांच या अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगाते हुए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 भी लगा दी है. अंबाला प्रशासन ने शंभू सीमा के पास विरोध स्थल पर नोटिस जारी किए हैं. सोमवार को किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने अंबाला के पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की और पुलिस को 6 दिसंबर को दिल्ली की ओर अपने पैदल मार्च के बारे में जानकारी दी.
- पंधेर ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस को आश्वासन दिया है कि मार्च शांतिपूर्ण होगा और मार्ग पर यातायात अवरुद्ध नहीं किया जाएगा. एमएसपी की कानूनी गारंटी के अलावा, किसान कर्ज माफी, किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए पेंशन और बिजली दरों में बढ़ोतरी नहीं करने की मांग कर रहे हैं. वे 2021 की लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘न्याय’ की, भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 की बहाली और 2020-21 में पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजे की भी मांग कर रहे हैं.
- पंजाब की खनौरी सीमा पर पिछले दस महीने से डेरो डाले बैठे किसान सगठनों द्वारा ‘दिल्ली कूच’ का आह्वान किये जाने के मद्देनजर हरियाणा के दाता सिंह वाला बार्डर पर सुरक्षा बलों को फिर से सतर्क कर दिया गया. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. किसानों के ‘दिल्ली कूच’ के मद्देनजर सुरक्षा बलों ने दाता सिह वाला बॉर्डर पर गुरुवार को हालात से निपटने के लिए अभ्यास किया और अपनी तैयारियों की समीक्षा की.
- पंजाब के किसानों को ‘दिल्ली कूच’ से रोकने के लिए सुरक्षा बलों ने अपनी रणनीति और तैयारियों को अंतिम रूप दिया. अधिकारी ने बताया कि किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए नरवाना-पटियाला राष्ट्रीय राजमार्ग पर उझाना नहर पर अवरोधक लगाए गये हैं. साथ ही नरवाना मे नहर पूल पर नाकाबंदी की गई है. वही खनौरी सीमा पर अनशन पर बैठे किसानों ने हर घर से एक व्यक्ति के पहुंचने का आह्वान किया है. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि दाता सिंह वाला बॉर्डर पर निषेधाज्ञा लागू कर दी गयी है और पांच या पाच से अधिक लोगों के एकत्रित होने और धरना-प्रर्दशन प्रतिबंधित है. इसके साथ ही परामर्श जारी कर लोगों को गैर जरूरी न होने पर जींद जिले से पंजाब की यात्रा करने से बचने की सलाह दी गयी है.
- दिल्ली-एनसीआर के निवासियों को ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और प्रमुख मार्गों पर बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं. इस सप्ताह की शुरुआत में, उत्तर प्रदेश के किसानों द्वारा किए गए इसी तरह के विरोध प्रदर्शन ने अपने वाहनों में काम पर जाने वाले हजारों लोगों को असुविधा में डाल दिया था.परामर्श में ज्यादा जरूरी होने पर लिंक मार्गों का प्रयोग करने की सलाह दी गई है. हालात को देखते हुए दातासिंह वाला बॉर्डर पर सुरक्षा बल की 14 कंपनियां तैनात की गई हैं और हर आने-जाने वाले व्यक्ति पर नजर रखी जा रही है. पुलिस उपाधीक्षक अमित भाटिया ने बृहस्पतिवार को बताया कि दातासिंह वाला बॉर्डर पर निषेधाज्ञा लागू कर धरना-प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है. उन्होंने बताया कि सुरक्षा बल को तैनात किया गया है और कानून व्यवस्था तथा शांति बनाए रखने के लिए आवश्क कदम उठाए गए हैं. भाटिया ने बताया कि यात्रा करने वाले लोगों के लिए परामर्श जारी किया गया है साथ ही सोशल मीडिया पर भी नजर रखी जा रही है.