नई दिल्‍ली: किसानों के आंदोलन (Farmers Protest)  के बीच सरकार की ओर से किसानों को एक और चिट्ठी लिखी गई है. कृषि मंत्रालय (Ministry of Agriculture) की लिखी गई चिट्ठी में कहा गया है कि सरकार, किसानों की हर मांग पर चर्चा करने के लिए तैयार है. सरकार ने साफ तौर पर कहा है कि अभी भी बातचीत के रास्ते खुले हुए हैं. सरकार के कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने ये चिट्ठी लिखी है.


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केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों को लेकर किसानों (Farmers)  के साथ बातचीत करने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए किसानों को फिर से ये जवाबी चिट्ठी लिखी है.  23 तारीख को किसानों की तरफ से मिले पत्र के जवाब में यह पत्र दिया गया है. 



केंद्र सरकार ने फिर कहा किसानों से अपील की गई है कि वह बातचीत के लिए तारीख बताएं. केंद्र सरकार किसानों की तरफ से उठाए गए हर एक मुद्दे का समाधान करने के लिए तत्पर है.



बता दें कि सरकार और किसानों के बीच हुई बातचीत किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है.  देश के कृषि मंत्री ने  किसानों को भरोसा दिलाया है कि उन्हें उनकी फसलों का सही दाम मिलेगा. लेकिन किसान अब भी नए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं और आंदोलन (Farmers Protest) कर  रहे हैं. 


नए कृषि कानूनों के समर्थन में 20 राज्यों के 3 लाख से ज़्यादा किसानों के हस्ताक्षर


हालांकि देश में हज़ारों लाखों किसान ऐसे भी हैं जो नए कृषि कानूनों के समर्थन में हैं. इसी कानून के समर्थन में 20 राज्यों के 3 लाख से ज़्यादा किसानों के हस्ताक्षर देश के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को सौंपे गए और इस दौरान किसानों के एक समूह ने नए कानूनों का समर्थन करते हुए कृषि मंत्री से मुलाकात भी की.


इस दौरान कृषि मंत्री ने ये भी बताया कि 25 तारीख को सिर्फ 2 घंटे के अंदर देश के 9 करोड़ किसानों के बैंक अकाउंट  में 18 हज़ार करोड़ रुपये किसान सम्मान निधि के तहत जमा किए जाएंगे.


25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन के मौके पर 9 करोड़ किसानों के खातों में 2 हज़ार रुपये की किस्त डाली जाएगी.  यानी कुल 18 हज़ार करोड़ रुपये किसानों के अकाउंट में डाले जाएंगे.