केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन (Farmers Protest) कर रहे किसानों ने अपने विरोध का नया शिड्यूल जारी किया है. किसानों ने कहा है कि सरकार को अपनी हठ छोड़कर देश के अन्नदाताओं की आवाज सुननी चाहिए.
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नई दिल्ली: दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर नए कृषि कानूनों (New Farm Law) के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं ने अपने आंदोलन (Farmers Protest) को तेज करने की घोषणा की है. किसान नेताओं ने कहा कि वे 13 जनवरी को नए कानूनों की प्रतियां जलाकर लोहड़ी (Lohri) का त्योहार मनाएंगे.
किसान नेता मनजीत सिंह राय ने कहा, 'हम 13 जनवरी को नए कानूनों की प्रतियां जलाकर लोहड़ी (Lohri) का त्योहार मनाएंगे.' राय ने लोगों से अपील की कि वे छह से लेकर 20 जनवरी तक किसानों (Farmers Protest) के समर्थन में देशभर में धरना-प्रदर्शन आयोजित करें. उन्होंने कहा कि वे नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के मौके पर 23 जनवरी को 'आजाद हिंद किसान दिवस' के रूप में मनाएंगे.
अन्य किसान नेता ओंकार सिंह ने कहा, 'हमारे प्रदर्शन (Farmers Protest) का आज 37वां दिन है. सरकार को अपना हठ छोड़ना चाहिए. इन परिस्थितियों में बुजुर्गों समेत किसान धरने पर बैठे हैं लेकिन सरकार को इस बारे में कोई चिंता नहीं है.'
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किसान नेता हरमीत सिंह कादियान ने कहा, 'तापमान गिरने के साथ ही हमने वाटरप्रूफ टेंट के इंतजाम किए हैं. हम गरम पानी और कंबल हासिल करने की भी कोशिश कर रहे हैं. करीब एक हजार महिलाओं के ठहरने के लिए टेंट और बिस्तर के इंतजाम किए गए हैं.'
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