93 बम धमाकों के आरोपी टकला को 19 मार्च तक CBI हिरासत में भेजा गया
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93 बम धमाकों के आरोपी टकला को 19 मार्च तक CBI हिरासत में भेजा गया

सीबीआई ने भगोड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के सहयोगी फारुक टकला को मुंबई 1993 सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले में कथित संलिप्तता के आरोप में गुरुवार को दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था. 

फारुक टकला को गुरुवार को IGI एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया. (फोटो साभार - ANI)

नई दिल्ली: मुम्बई की एक टाडा अदालत ने 1993 के सिलसिलेवार बम धमाकों के आरोपी फारुक टकला को 19 मार्च तक के लिए सीबीआई हिरासत में भेज दिया है. सीबीआई ने भगोड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के सहयोगी फारुक टकला को मुंबई 1993 सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले में कथित संलिप्तता के आरोप में गुरुवार को दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था. अधिकारियों ने बताया कि फारुक टकला के नाम से कुख्यात मोहम्मद फारुक दुबई से यहां आया था. सीबीआई की टीम ने इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के आव्रजन कार्यालय से उसे गिरफ्तार किया.

  1. सीबीआई ने टकला को IGI  एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया
  2. 93 मुंबई बम धमाकों का आरोपी है टकला 
  3. केंद्रीय जांच ब्यूरो ने 1995 में टकला के खिलाफ इंटरपोल रेड कार्नर नोटिस जारी किया था

गवली गैंग के साथ दुश्मनी के बाद टकला मुंबई छोड़कर चला गया था
एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि टकला खाड़ी में 90 के दशक से हवाला कारोबार करता था और उसने अपने सरगना दाऊद की तरह पाकिस्तान में शरण नहीं ली. अरुण गवली गिरोह के साथ दुश्मनी के बाद गैंगस्टर टकला मुंबई छोड़कर चला गया था . गवली गिरोह के शैलेश हल्दानकर की सितंबर 1992 में दाऊद गुट ने उस वक्त हत्या कर दी थी जब वह जेजे अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ ले रहा था . यह कथित रूप से दाऊद के बहनोई इब्राहिम पार्कर की हत्या के बदले की कार्रवाई थी . पार्कर को 1992 में ही गवली गिरोह के दो कथित सदस्यों ने मार दिया था .

93मुंबई बम धमाकों के आरोपियों की मदद की थी
अधिकारियों ने बताया कि 1993 के बम धमाकों के सभी आरोपियों के ठहरने तथा उनके व्यापार की शुरूआत करवाने में टकला ने उनकी मदद की थी . ये सभी मुंबई में हुए विस्फोट से पहले और बाद में देश छोड़कर चले गए थे . एक अन्य अधिकारी ने बताया कि दाऊद और उसका परिवार तथा मुंबई विस्फोट के एक अन्य आरोपी टाइगर मेमन और उसके परिवार के लोग कुछ साल बाद दुबई छोड़कर चले गए और पाकिस्तान में शरण ले ली . टकला खाड़ी में ही रहा जहां उसका हवाला कारोबार बढ़ता चला गया . टकला अपना अधिकतर कारोबार दुबई से ही करता था . इसके अलावा खाड़ी के कुछ अन्य स्थानों से वह काल्पनिक नाम से भी कारोबार करता था . केंद्रीय जांच ब्यूरो ने 1995 में टकला के खिलाफ इंटरपोल रेड कार्नर नोटिस जारी किया था .

मुंबई में 1993 के बम विस्फोट मामले की जांच करने वाले पुलिस अधिकारियों ने कहा कि जांच एजेंसियों को टकला के रूप में बड़ी सफलता हाथ लगी है क्योंकि वह उन लोगों में शामिल था जो इस साजिश के बारे में पहले से अवगत थे . देश की आर्थिक राजधानी 1993 में श्रृंखलाबद्ध बम धमाकों से थर्रा गयी थी . इन धमाकों में कम से कम 257 लोगों की मौत हो गयी थी जबकि 82 करोड़ रूपये की संपत्ति का नुकसान हुआ था .

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