केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने घोषणा की है कि 1 जनवरी से फास्टैग (Fastag) अनिवार्य होगा. इसके लिए टोल प्लाजा पर वाहनों को बिना किसी रुकावट की आवाजाही के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए गए हैं.
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नई दिल्ली: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने कहा है कि नए साल से सभी वाहनों के लिए फास्टैग अनिवार्य होगा. देश में फास्टैग के जरिये इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह अब रिकॉर्ड 50 लाख लेनदेन के साथ 80 करोड़ रु. प्रतिदिन पर पहुंच गया है. केंद्रीय मोटर वाहन नियमों में हालिया संशोधन से डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा मिला है.
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने बयान में कहा है कि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग तथा एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने घोषणा की है कि 1 जनवरी से फास्टैग (Fastag) अनिवार्य होगा. इसके लिए टोल प्लाजा पर वाहनों को बिना किसी रुकावट की आवाजाही के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए गए हैं. फास्टैग की वजह से राजमार्गों का इस्तेमाल करने वाले यात्रियों के समय और ईंधन दोनों की बचत हो रही है.
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फास्टैग देशभर में 30,000 पॉइंट ऑफ सेल (POS) तथा अनिवार्य रूप से NHAI के टोल प्लाजा पर उपलब्ध हैं. अमेजन, फ्लिपकार्ट और स्नैपडील के जरिये फास्टैग को ऑनलाइन उपलब्ध कराया गया है. मिशन के लिए 27 जारीकर्ता बैंकों ने भागीदारी की है. फास्टैग का रिचार्ज भारत बिल भुगतान प्रणाली, यूपीआई और Paytm के अलावा माई फास्टैग मोबाइल ऐप के जरिये भी किया जा सकता है.
मंत्रालय ने इस साल नवंबर में अधिसूचना जारी कर एक जनवरी, 2021 से पुराने वाहनों या एक दिसंबर, 2017 से पहले के वाहनों के लिए भी फास्टैग को अनिवार्य कर दिया. केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के अनुसार एक दिसंबर, 2017 से नए चार पहिया वाहनों के पंजीकरण के लिए फास्टैग को अनिवार्य किया गया है.
इसके अलावा परिवहन वाहनों के फिटनेस प्रमाणपत्र के लिए संबंधित वाहन का फास्टैग जरूरी है. राष्ट्रीय परमिट वाले वाहनों के लिए फास्टैग को एक अक्टूबर, 2019 से अनिवार्य किया गया है. नए तीसरे पक्ष बीमा के लिए भी वैध फास्टैग को अनिवार्य किया गया है. जो एक अप्रैल, 2021 से लागू होगा.
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फास्टैग की शुरुआत 2016 में हुई थी. यह टोल प्लाजा पर शुल्क का भुगतान इलेक्ट्रॉनिक तरीके से करने की सुविधा है. फास्टैग अनिवार्य होने के बाद टोल पर वाहनों को रुकना नहीं पड़ेगा और शुल्क का भुगतान इलेक्ट्रॉनिक हो जाएगा. तब चार बैंकों ने सामूहिक रूप से एक लाख टैग जारी किए थे. अगले चरण में साल 2017 में सात लाख वहीं साल 2018 में 34 लाख फास्टैग जारी हुए थे.
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