NGT का आदेश: पश्चिमी यूपी की नदियों को दूषित करने वाले 124 उद्योगों पर दर्ज हो FIR
Advertisement

NGT का आदेश: पश्चिमी यूपी की नदियों को दूषित करने वाले 124 उद्योगों पर दर्ज हो FIR

एनजीटी ने बुधवार (8 जुलाई) को इन नदियों को दूषित कर रही 124 उद्योगों पर एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है. 

फाइल फोटो

नई दिल्ली : पश्चिमी उत्तर प्रदेश की नदियां हिंडन, कृष्णा और काली को लेकर एनजीटी ने बड़ा आदेश दिया हैं. एनजीटी ने बुधवार (8 जुलाई) को इन नदियों को दूषित कर रही 124 उद्योगों पर एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है. इसके अलावा एनजीटी ने प्रदूषण फैला रही इंडस्ट्रीज को तत्काल प्रभाव से बंद करने का भी आदेश दिया है. 

2019 में दाखिल करनी होगी अनुपालन रिपोर्ट
कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा है कि इन नदियों के प्रदूषण का शिकार हुए लोगों के लिए तुरन्त हेल्थ बेनीफिट स्कीम तैयार करे और प्रदूषित पानी निकालने वाले हेडपंपों को बंद किया जाए.एनजीटी ने राज्य सरकार से 5 मार्च 2019 तक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है.

दरअसल, पिछली सुनवाई में भी एनजीटी ने एक महीने के अंदर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के छह जिलों में प्रदूषित पानी देने वाले सभी हैंडपंप और बोरवेल सील करने का आदेश दिया था. इसमें गाजियाबाद, बागपत, शामली, मुजफ्फरनगर, मेरठ और गौतमबुद्धनगर शामिल हैं.

नदियों की वजह से प्रदूषित हो रहा है भूजल!
एनजीटी ने राज्य सरकार को आदेश में कहा था कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हिंडन, कृष्णी और काली नदी की वजह से भूजल प्रदूषित हो रहा है. इसमें सल्फेट, फ्लोराइड, कैडमियम, कॉपर, लेड, आयरन, निकल और मरकरी जैसे विषैले तत्व मिल रहे हैं. इसलिए प्रदूषित पानी देने वाले सभी बोरवेल और हैंडपंप तत्काल प्रभाव से सील किए जाएं.उन्होंने इन छह जिलों के डीएम को निर्देश दिया है कि स्पेशल कमिटी की रिपोर्ट को संज्ञान में लेते हुए कार्रवाई करके एनजीटी को जानकारी दी जाए.

इससे पहले एनजीटी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के काली, कृष्णा और हिंडन नदियों के गहन सर्वेक्षण के आदेश दिए थे और 316 उद्योगों के निरीक्षण का निर्देश दिया था जो कथित तौर पर जलाशयों को दूषित कर रहे हैं. 
 
क्या कहा गया है याचिका में...
बता दें कि एनजीटी एक गैर सरकारी संगठन की याचिका पर सुनवाई कर रहा है जिसमें आरोप लगाया गया है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कैंसर से 50 ग्रामीणों की मौत हो चुकी है.एनजीटी ने एक समिति का गठन किया था जिसमें केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, उत्तरप्रदेश जल निगम के अधिकारी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में संयुक्त रूप से नदियों और जलाशयों का सर्वेक्षण करेंगे.एनजीटी ने अपने आदेश में कहा था कि वे नमूने एकत्रित करेंगे, इस तरह के नमूनों का विश्लेषण केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की प्रयोगशाला में किया जाएगा. 

Trending news