भारत में इस गांव को देखने के लिए लगती है हजारों की भीड़, जानिए क्या है वजह
चारों तरफ हरियाली और घने सुंदर पेड़ पौधों के बीच है ये गांव. इस गाँव की हर एक घर एक ही रंग में रंगा हुआ है. यहां हर एक घर बिल्कुल साफ-सुथरा है और घर की दीवारों के ऊपर पारंपरिक चित्र बनाए गए हैं.
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नयागढ़: चारों तरफ हरियाली और घने सुंदर पेड़ पौधों के बीच है ये गांव. इस गाँव की हर एक घर एक ही रंग में रंगा हुआ है. यहां हर एक घर बिल्कुल साफ-सुथरा है और घर की दीवारों के ऊपर पारंपरिक चित्र बनाए गए हैं. आप अगर एक बार इस गांव में जाएंगे तो सच में आपका वापस आने का मन नहीं करेगा. आप जब इस गांव का नज़ारा देखेंगे तो अपने आप को यहां के लोगों की तारीफ करने से रोक नहीं पाएंगे. कुछ दिनों पहले तक किसी की नज़र में ना आने वाला ये गाँव आज पर्यटकों को अपनी तरफ खींच रहा है क्योंकि नयागढ़ जिले का मुदुलीगड़िआ (Muduligadia) गांव ओड़िशा (Odisha) का पहला 'इको विलेज' (Eco Village) बन गया है.
यहाँ का हर एक घर एक ही तरह की रंग में रंगा गया है. हर एक घर की दीवारों पर पारम्परिक चित्र बने हुए हैं. इस चित्रकला को 'झोटी' कहते हैं. इस गांव में प्लास्टिक को पूरी तरीके से बैन किया गया है. यहां गांव में सभी लोग कूड़ा-कचरा केवल डस्टबिन में ही डालते हैं. इस गांव की एक और खासियत है कि ये गांव पूरी तरीके से ओपन डिफेकेशन फ्री (ODF) है. गांव के सभी लोग शौचालय का इस्तेमाल करते हैं. इन सभी खूबियों की वजह से ही मुदुलीगड़िआ गांव को ओड़िशा का पहला इको विलेज बनाया गया है.
मुदुलीगड़िआ गांव सतकोसिया टाइगर रिज़र्व (Satkosia Tiger Reserve) प्रोजेक्ट के महानदी फॉरेस्ट डिवीजन (Mahanadi Forest Division) के अंतर्गत आता है. इसके पास में इको टूरिज्म सैंड रिसॉर्ट (Eco Tourism Sand Resort) भी है. यहाँ पर आनेवाला हर एक पर्यटक मुदुलीगड़िआ गांव में जरूर आता है. पर्यटकों को गांव का खाना भी बहुत पसंद है.
महानदी रिवर फॉरेस्ट डिवीजन के अधिकारी अंशू प्रज्ञा दास ने Zee News से बताया कि फॉरेस्ट डिपार्टमेंट भी मुदुलीगड़िआ गांव के इको टूरिज्म में शामिल है. गांव की पर्यावरण कमेटी प्रोजेक्ट का करीब 10 प्रतिशत हिस्सा गांव के विकास के लिए खर्च करती है. गांव को सुंदर और साफ बनाने के लिए गांव वाले बहुत मेहनत करते हैं. इससे गांव वालों के सामाजिक जीवन पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है.
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