लालू पर फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देगी राजद, पिछड़ी जाति के नेताओं को 'टारगेट' करने का आरोप
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लालू पर फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देगी राजद, पिछड़ी जाति के नेताओं को 'टारगेट' करने का आरोप

राजद प्रवक्ता मनोज झा ने कहा, "जिस व्यक्ति ने मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई और मामले को सामने लाया, उसे ही दोषी करार दिया गया. यह मामला 'ट्रैजडी ऑफ एर्स' है.''

सीबीआई कोर्ट के फैसले के बाद पुलिस हिरासत में लिए गए लालू प्रसाद यादव. (IANS/23 Dec, 2017)

पटना: चर्चित चारा घोटाले के एक मामले में शनिवार (23 दिसंबर) को रांची में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद को दोषी करार दिया. राष्ट्रीय जनता पार्टी (राजद) ने इस फैसले को राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की जाएगी. राजद प्रवक्ता मनोज झा ने कहा, "जिस व्यक्ति ने मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई और मामले को सामने लाया, उसे ही दोषी करार दिया गया. यह मामला 'ट्रैजडी ऑफ एर्स' है. पिछड़ी जाति के नेताओं को 'टारगेट' किया जा रहा है. हम इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय जाएंगे. हमें देश की न्याय व्यवस्था पर पूरा विश्वास है."

  1. सीबीआई अदालत ने लालू प्रसाद सहित 16 आरोपियों को दोषी करार दिया.
  2. जबकि जगन्नाथ मिश्र समेत 6 आरोपियों को निर्दोष बताते हुए बरी कर दिया.
  3. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह ने शाम पौने चार बजे फैसला सुनाया.

इधर, राजद उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि एक ही मामले में एक को बेल और एक को जेल. उन्होंने अपने अंदाज में कहा, "एक ही मामले में जगन्नाथ मिश्रा को बेल और लालू प्रसाद को जेल. यही है नरेंद्र मोदी का खेल."रघुवंश ने कहा कि इस मामले को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी. इस लोकतंत्र में जनता सबसे बड़ी मालिक है, राजद इस मामले को लेकर जनता के बीच भी जाएगी.

इधर, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और लालू प्रसाद के पुत्र तेजप्रताप यादव ने लालू प्रसाद को एक विचारधारा बताते हुए ट्वीट किया, "सारा सिस्टम, सारी सरकारी मशीनरी और कॉर्पोरेट लालू प्रसाद के पीछे हाथ धोकर पड़ा है. न्यायपालिका से लेकर कार्यपालिका तक, सड़क से लेकर संसद तक अगर ध्यान से देखा जाए तो लालू प्रसाद को खलनायक साबित करने के लिए विरोधियों में गलाकाट प्रतियोगिता चल रही है. याद रखें लालू नाम नहीं विचारधारा है." एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, "काश लालू प्रसाद 'यादव' भी लालू प्रसाद 'मिश्रा' होते." इस मामले में अदालत ने पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा और अन्य छह आरोपियों को बरी कर दिया. इस मामले में तीन जनवरी को सजा सुनाई जाएगी. 

चारा घोटाला : लालू, जगदीश शर्मा, राणा सहित 16 दोषी करार, जेल भेजे गये
चारा घोटाले के एक मामले में रांची की एक विशेष सीबीआई अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजद प्रमुख लालू प्रसाद, पूर्व सांसदों आर के राणा और जगदीश शर्मा एवं कई आईएएस अधिकारियों सहित 16 आरोपियों को शनिवार (23 दिसंबर) को दोषी करार देते हुए जेल भेज दिया. अदालत तीन जनवरी को दोषियों के खिलाफ सजा सुनाएगी. वहीं इस मामले में अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा, बिहार के पूर्व मंत्री विद्यासागर निषाद, बिहार विधानसभा की लोक लेखा समिति (पीएसी) के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत सहित छह लोगों को निर्दोष करार देते हुए मामले से बरी कर दिया. अदालत के फैसले के बाद दोषी ठहराये गए सभी 16 लोगों को बिरसा मुंडा जेल भेज दिया गया.

नौ सौ पचास करोड़ रुपये के चारा घोटाले से संबंधित देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हजार रुपये के फर्जीवाड़े के मामले से जुड़े इस मुकदमे में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह ने शाम पौने चार बजे फैसला सुनाया. उन्होंने सबसे पहले इस मामले में मिश्रा, निषाद, भगत, चौधरी, सरस्वती चंद्र एवं साधना सिंह को निर्दोष करार देते हुए बरी कर दिया.

अदालत ने इसके बाद मामले के 22 आरोपियों में से शेष सभी 16 आरोपियों को दोषी करार दिया और उन्हें हिरासत में लेकर बिरसामुंडा जेल भेजने का निर्देश दिया. सजा सुनाये जाते ही लालू, शर्मा, आईएएस अधिकारी बेक जूलियस सहित अनेक लोगों के चेहरे पर मायूसी छा गई. उनके अनेक रिश्तेदारों एवं मित्रों की आंखें भी डबडबा गयीं.

(इनपुट एजेंसी से भी)

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