जयशंकर ने कहा, 'मैं निश्चित तौर पर ये कह सकता हूं कि जब मैं जेएनयू में पढ़ता था तब मैंने वहां किसी तरह के टुकड़े टुकड़े गैंग को नहीं देखा था.'
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नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दिल्ली में हुए एक इवेंट में कई मुद्दों पर चर्चा की. उन्होंने जेएनयू के टुकड़े टुकड़े गैंग पर भी निशाना साधा. जयशंकर ने कहा, 'मैं निश्चित तौर पर ये कह सकता हूं कि जब मैं जेएनयू में पढ़ता था तब मैंने वहां किसी तरह के टुकड़े टुकड़े गैंग को नहीं देखा था. जब पठानकोट हमला हुआ तब भी पाकिस्तान ने स्वीकार किया था कि दोषी कौन था. इस पर ये सरकार बिल्कुल साफ नजरिया रखती है कि कौन पीड़ित है और कौन दोषी है.'
इसके अलावा जयशंकर ने चीन के मुद्दे पर भी बयान दिया. उन्होंने कहा कि हमें चीन की कहानी को प्रणालीबद्ध तरीके से देखना चाहिए. चीन पूरी दुनिया पर असर डालेगा इसलिए चीन के नजरिए को समझना बहुत महत्वपूर्ण है. यह महत्वपूर्ण है कि एक-दूसरे की सोच को समझने के लिए एक नेता हो.
उन्होंने कहा कि आज हम जो कुछ कर रहे हैं, उसमें बहुत सारी समस्याओं का संचय है जिन्हें हमने संबोधित नहीं किया है. सिटीजनशिप के मामले को देखिए, यह 50 साल पहले शुरू हुआ, आर्टिकल 370, 70 साल तक चला और अयोध्या मुद्दे को भी देखिए.
उन्होंने कहा कि चीन से बड़ी सीख यह है कि जब तक किसी समाज को अपने मौजूदा मुद्दों को निर्णायक रूप से संबोधित करने की मानसिकता नहीं है, तब तक वह दुनिया में ऊपर नहीं जा सकता. चीन उस शक्ति के लिए तैयार हो चुका है जो वह चाहता था. यह एक तैयारी है, इस देश को भी इसे शुरू करना चाहिए.
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जयशंकर ने कहा, 'हम अतीत की तुलना में आज एक कम सुस्त मानसिकता वाले शासन हैं. हम उद्देश्य और दृढ़ संकल्प के साथ समस्याओं पर हमला कर रहे हैं, हम यह नहीं कह रहे हैं कि ये समस्याएं हैं, जिन्हें हम भविष्य के लिए छोड़ने जा रहे हैं.'
उन्होंने कहा कि कोई भी देश वास्तव में उस तरह आतंकवाद का शिकार नहीं हुआ, जिस तरह हम हुए. इस वजह से यह महत्वपूर्ण है कि हमें कभी भी आतंकवाद को सामान्य तरीके से नहीं लेना चाहिए. आतंकवाद का दोषी आतंकवाद को सामान्य करने का प्रयास करेगा.'