नई दिल्ली: कश्मीर में हो रही हिंसा की घटनाओं पर विदेश मंत्रालय ने चिंता जताई है. विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि सीमा पार से आतंकवादियों की घुसपैठ चिंता का वषय है. पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद अभी भी घाटी में शांति बहाली के लिए खतरा बना हुआ है. जम्मू कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा ने घाटी में हुई हिंसा के गुनहगारों को जवाब दिए जाने की बात कही है.


'कश्मीर के विकास के खिलाफ साजिश'


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वहीं जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने घाटी में हुई हिंसा को कश्मीर के विकास के खिलाफ साजिश का हिस्सा बताया है. उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान कश्मीर में भाईचारे को बिगाड़ना चाहता है. सोची समझी साजिश के तहत आतंकवादी घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवारों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा, आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने सवाल किया कि मानवाधिकारों की बात करने वाले आज कहां हैं?


पाकिस्तान करना चाहता है 1990 जैसे हालात


बता दें, कश्मीरी पंडितों की घाटी में वापसी के प्रयासों और उनकी संपत्तियों से कब्जे हटाने की कवायद के बीच पाकिस्तान की ओर से फिर से 1990 जैसे हालात पैदा करने की लगातार साजिश रची जा रही है. घाटी में पिछले तीन दिनों के भीतर पांच नागरिकों की आतंकियों द्वारा हत्या की जा चुकी है. आज सफाकदल इलाके में गवर्नमेंट ब्यॉज हायर सेकेंडरी स्कूल के अंदर घुसकर आतंकियों ने दो शिक्षकों पर गोलियां बरसा दीं. जिसमें दोनों शिक्षकों की मौके पर ही मौत हो गई. 


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चीन द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल को माने


भारत चीन सीमा विवाद पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, हमारी अपेक्षा है कि चीन हमारे साथ मिलकर काम करेगा. बाकि इलाकों में भी डिसएंगेजमेंट आगे बढ़े हैं, कुछ इलाकों में डिसएंगेजमेंट हो गया है और कुछ इलाकों में बाकी है. हम चाहते हैं कि चीन द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल को माने.


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