पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस सांसद रहे संतोष मोहन देव का निधन
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पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस सांसद रहे संतोष मोहन देव का निधन

पूर्व केंद्रीय मंत्री व सात बार कांग्रेस सांसद रहे संतोष मोहन सिंह देव का बुधवार को असम के सिल्चर के एक अस्पताल में निधन में हो गया. वह 83 साल के थे. देव की बेटी व लोकसभा सांसद सुष्मिता देव ने ट्वीट कर कहा , "इस पल के लिए मुझे कुछ भी तैयार नहीं कर सकता था. मैंने उन्हें सुबह 6.06 बजे आज (बुधवार) खो दिया. उनके लिए दुआएं करने और उन्हें प्यार देने के लिए आप सबका धन्यवाद."

पूर्व केंद्रीय मंत्री व सात बार कांग्रेस सांसद रहे संतोष मोहन सिंह देव का बुधवार को असम के सिल्चर के एक अस्पताल में निधन में हो गया (फोटो साभार- डीएनए)

सिलचर/नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री व सात बार कांग्रेस सांसद रहे संतोष मोहन सिंह देव का बुधवार को असम के सिल्चर के एक अस्पताल में निधन में हो गया. वह 83 साल के थे. देव की बेटी व लोकसभा सांसद सुष्मिता देव ने ट्वीट कर कहा , "इस पल के लिए मुझे कुछ भी तैयार नहीं कर सकता था. मैंने उन्हें सुबह 6.06 बजे आज (बुधवार) खो दिया. उनके लिए दुआएं करने और उन्हें प्यार देने के लिए आप सबका धन्यवाद."

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कई अन्य राजनेताओं ने देव के निधन पर शोक जताया है. कोविंद ने कहा कि देव का निधन उनके परिवार, असम और भारत के लिए बहुत बड़ा नुकसान है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "संतोष मोहन देव के निधन से दुखी हूं. वह अनुभवी नेता थे, जिन्होंने लोगों के कल्याण के लिए बड़े पैमाने पर काम किया."मुखर्जी ने उन्हें अपना पुराना मित्र और सहकर्मी बताया. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी देव के निधन पर दुख व्यक्त किया.

सोनिया ने अपने बयान में कहा, "अपने पांच दशक के राजनीतिक करियर में देव ने कांग्रेस पार्टी और सरकार में केंद्रीय मंत्री सहित कई महत्वपूर्ण राजनीतिक कार्यभार संभाले थे."उन्होंने कहा, "पूर्वोत्तर में जमीनी स्तर पर पार्टी के निर्माण में उनके महत्वपूर्ण योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा."

देव कांग्रेस सरकार में विभिन्न पदों पर नियुक्त हुए थे. वह मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील सरकार-1 (सप्रंग) में भारी उद्योग मंत्री नियुक्त हुए थे. वह 1986-1988 में संचार राज्य मंत्री और 1988-1989 में गृह राज्य मंत्री भी बने. 1991 में पी.वी. नरसिम्हा राव की सरकार में उन्हें इस्पात मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार दिया गया. 

 

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