भारत के रणनीतिक साझेदार बन चुके फ्रांस (France) ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सुधार की मांग उठाई है. फ्रांस ने कहा कि UNSC में सुधार कर भारत को इसकी स्थाई सदस्यता दी जानी चाहिए.
Trending Photos
नई दिल्ली: पिछले कुछ सालों में तेजी से एक-दूसरे के नजदीक आए भारत-फ्रांस की दोस्ती दिनोंदिन गहरी होती जा रही है. फ्रांस (France) ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में 1 जनवरी 2021 से शुरू हो रही भारत (India) की अस्थाई सदस्यता का स्वागत किया. साथ ही कहा कि हमें UNSC में पर्याप्त सुधार करने होंगे, जिससे भारत भी इसका स्थाई सदस्य (Permanent Membership) बन सके.
'हमें संयुक्त राष्ट्र में सुधार करने की जरूरत'
भारत में फ्रांस (France) के राजदूत इमैनुएल लेनाइन (Emmanuel Lenain) ने कहा, 'हम अंतरराष्ट्रीय कानून को बरकरार रखने के साथ आतंकवाद से संघर्ष और बहुआयामी सुरक्षा के मद्देनजर भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने के इच्छुक हैं. इसके लिए हमें सुरक्षा परिषद में काफी सुधार करने होंगे, जिससे भारत (India) को इस वैश्विक निकाय की सदस्यता मिल सके.'
France welcomes India as it joins #UNSC for the next 2 years. We are eager to work side by side to uphold international law, fight terrorism and defend #multilateralism. To this end, we also need a UNSC reform that gives India a permanent seat! pic.twitter.com/v1j6rGAkqb
— Emmanuel Lenain (@FranceinIndia) January 1, 2021
भारत को 8वीं बार मिला मौका
बता दें कि UNSC में कुल 15 देश सदस्य होते हैं. इनमें से 5 स्थाई और 10 अस्थाई सदस्य होते हैं. देशों को अस्थाई सदस्यता 2 साल के लिए मिलती है. भारत (India) अस्थायी सदस्य के रूप में आठवीं बार मौका मिला है. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत का जोर बहुपक्षवाद पर भी रहेगा. साथ ही मानवाधिकारों और विकास जैसे बुनियादी मूल्यों को भी बढ़ावा देगा.
ये भी पढ़ें- India नए साल के पहले दिन 8वीं बार बनेगा UNSC का अस्थायी सदस्य, चीन के लिए बड़ा झटका
क्यों अहम है UNSC का स्थाई सदस्य बनना
संयुक्त राष्ट्र संघ के 6 अहम हिस्सों में से सबसे महत्वपूर्ण UNSC है. इसकी जिम्मेदारियों में संयुक्त राष्ट्र संघ में नए सदस्यों को जोड़ना, दुनियाभर में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करना, संघर्षरत देशों में शांति मिशन भेजना और नियम तोड़ने के दोषी देशों के खिलाफ मिलिट्री एक्शन को मंजूरी देना शामिल है. इनमें से किसी भी कार्रवाई के लिए पांचों स्थाई देशों की मंजूरी जरूरी होती है. यदि एक भी देश वीटो पावर का इस्तेमाल कर असहमति दर्ज करा देता है तो वह प्रस्ताव खारिज हो जाता है. इसी के चलते तमाम वैश्विक मामलों में पांचों स्थाई देशों का बोलबाला बना रहता है.
LIVE TV