भारत को 36 और राफेल जंगी विमान बेचकर पावरफुल बनाना चाहता है फ्रांस
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भारत को 36 और राफेल जंगी विमान बेचकर पावरफुल बनाना चाहता है फ्रांस

 सूत्रों ने बताया कि राफेल सौदे का मुद्दा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मैक्रों की भेंटवार्ता के दौरान उठा.

2 साल पहले दोनों देशों के बीच 36 राफेल जंगी जेट विमान खरीदने का समझौता हुआ था. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों द्वारा राफेल जेट जंगी विमान कार्यक्रम को द्विपक्षीय रक्षा सहयोग का अहम पहलू करार दिया है. इसकेो साथ ही फ्रांस ने भारत द्वारा 36 और राफेल जेट विमान खरीदने के विषय पर वार्ता शुरु करने के प्रति अपनी इच्छा प्रकट की. सूत्रों ने मुताबिक, हाल ही में फ्रांस सरकार ने इच्छा जताई है कि भारत अपनी वायुसेना के लिए 2016 में हुए 36 विमानों के सौंदे के बाद अब और विमान खरीदने की घोषणा करे. सूत्रों ने बताया कि राफेल सौदे का मुद्दा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मैक्रों की भेंटवार्ता के दौरान उठा.

  1. भारत ने राफेल जंगी जेट के संबंध संप्रभु फैसला किया: पीएम मोदी
  2. पीएम मोदी और मैक्रों की भेंटवार्ता के दौरान उठा राफेल सौदे का मुद्दा 
  3. भारत ने 36 राफेल जंगी जेट विमान खरीदने के लिए 2016 में किया था समझौता

मैक्रों ने मोदी के साथ वार्ता के बाद कहा, 'भारत ने (राफेल जंगी जेट) इस संबंध संप्रभु फैसला किया और हम इस क्षेत्र में प्रगति की निगरानी कर रहे हैं. हम बिल्कुल चाहते हैं कि यह कार्यक्रम चलता रहे.' भारत ने 36 राफेल जंगी जेट विमान खरीदने के लिए 2016 में फ्रांस के साथ दोनों सरकारों के बीच सौदा किया था.

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आतंकवाद के खिलाफ साथ है दोनों देश 
बढ़ते आतंकवाद के खिलाफ दोनों देश अपनी अपनी रणनीतिक साझेदारी को एक नई गति दे रहे हैं. रक्षा, सुरक्षा, अंतरिक्ष और उच्च प्रौद्योगिकी में सहयोग के लंबे इतिहास का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि द्विपक्षीय संबंधों पर दोनों देशों में द्विदलीय समर्थन है. उनका कहना है कि हम गहरे रक्षा संबंधों को साझा करते हैं और इस क्षेत्र में फ्रांस हमारे सबसे भरोसेमंद साझेदारों में से एक है. हमारे रक्षा बलों की सभी सेवाएं नियमित रूप से चर्चाएं और संयुक्त अभ्यास आयोजित करती हैं. रक्षा उपकरणों और निर्माण में हमारे बीच मजबूत संबंध हैं. हम रक्षा क्षेत्र में फ्रांस की मेक इन इंडिया प्रतिबद्धता का स्वागत करते हैं.

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वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई द्विपक्षीय वार्ता के बाद दोनों देशों ने शनिवार (10 मार्च) को हिंद महासागर क्षेत्र में रक्षा सहयोग बढ़ाने व पूरी सक्रियता के साथ आतंकवाद का मुकाबला करने पर सहमति जताई. दोनों देशों ने अंतरिक्ष क्षेत्र में भी सहयोग और हाईस्पीड रेलवे समेत 14 समझौतों पर हस्ताक्षर किए. वार्ता के बाद मैक्रों के साथ संयुक्त रूप से मीडिया को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि हम दोनों सहमत हैं कि भविष्य में हिंद महासागर क्षेत्र दुनिया में शांति व समृद्धि लाने और विकास करने में अहम भूमिका निभाएगा.

संयुक्त रणनीतिक नजरिया जारी कर रहे हैं
पीएम मोदी ने कहा कि चाहे बात पर्यावरण की हो या समुद्री सुरक्षा व संसाधन, नौवहन या ओवरफ्लाइट की स्वतंत्रता की हो हम अपने सहयोग को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. मोदी ने कहा कि दोनों देश हिंद महासागर क्षेत्र में सहयोग के लिए एक संयुक्त रणनीतिक नजरिया जारी कर रहे हैं. इस क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभुत्व को देखा जा सकता है.

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