मुफ्त परिवहन सुविधा के अलावा दृष्टिबाधित मतदाताओं को ब्रेल लिपि में फोटोयुक्त मतदाता पर्ची भी मुहैया कराई जाएगी.
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नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने मतदान में दिव्यांग मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिये मतदान केन्द्रों तक मुफ्त परिवहन सुविधा मुहैया कराने की पहल करते हुए पांच राज्यों राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मिजोरम और तेलंगाना से इस पर अमल का फैसला किया है.
मुख्य चुनाव आयुक्त ओ पी रावत ने शनिवार को इन राज्यों के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करते हुये बताया कि इन चुनावों में दिव्यांग मतदाताओं के लिये दो विशेष सुविधाओं की शुरुआत की जाएगी. इसके तहत मुफ्त परिवहन सुविधा के अलावा दृष्टिबाधित मतदाताओं को ब्रेल लिपि में फोटोयुक्त मतदाता पर्ची भी मुहैया कराई जाएगी.
उन्होंने बताया कि पांचों राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को प्रत्येक मतदान केन्द्र तक दिव्यांग मतदाताओं को पहुंचाने के लिये सार्वजनिक परिवहन सुविधा मुहैया कराने को कहा गया है. इसके लिए दिव्यांग मतदाताओं को सार्वजनिक परिवहन सेवा के ‘मुफ्त पास’ मुहैया कराये जाएंगे.
इसके अलावा इन चुनावों में प्रत्येक मतदान केन्द्र पर पहली बार मतदाता सहायता बूथ बनाए जाएंगे. बूथ स्तरीय अधिकारी की मौजूदगी वाले बूथ के माध्यम से मतदाता अपने पोलिंग बूथ की जानकारी के अलावा मतदान संबंधी अन्य शंकाओं का निराकरण कर सकेंगे.
साथ ही आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को चुनाव प्रक्रिया से दूर करने संबंधी उच्चतम न्यायालय के हाल ही के फैसले का अनुपालन करते हुये उम्मीदवारों द्वारा पेश किये जाने वाले हलफनामे की रूपरेखा में बदलाव किया गया है. इसमें प्रत्येक उम्मीदवार को लंबित आपराधिक मामलों की जानकारी विभिन्न मीडिया माध्यमों से सार्वजनिक करने के पालन की जानकारी देनी होगी
उन्होंने बताया कि चुनाव के दौरान निर्वाचन नियमों के उल्लंघन की शिकायत मोबाइल एप ‘सी विजिल’ के जरिये मतदाता कर सकेंगे. इससे पहले इस एप को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान सिर्फ बेंगलुरु विधानसभा सीट पर सफलता पूर्वक प्रयोग में लाया गया था. अब पहली बार इसका व्यापक पैमाने पर इस्तेमाल किया जाएगा.
(इनपुट - भाषा)