कश्मीर की जामिया मस्जिद में 19 सप्ताह बाद पढ़ी गई जुमे की नमाज
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कश्मीर की जामिया मस्जिद में 19 सप्ताह बाद पढ़ी गई जुमे की नमाज

घाटी में स्थित ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में आज जुमे की नमाज की इजाजत दी गई। जुलाई में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में हिज्बुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से कश्मीर में जारी अस्थिरता के कारण मस्जिद में नमाज नहीं पढ़ी जा रही थी।

फाइल फोटो

श्रीनगर: घाटी में स्थित ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में आज जुमे की नमाज की इजाजत दी गई। जुलाई में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में हिज्बुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से कश्मीर में जारी अस्थिरता के कारण मस्जिद में नमाज नहीं पढ़ी जा रही थी।

जामिया मस्जिद में आज 19 सप्ताह के बाद जुमे की नमाज पढ़ी गयी। हालांकि, मस्जिद में नमाज पढ़ने वालों की संख्या काफी कम थी क्योंकि हड़ताल के कारण आसपास के क्षेत्रों के लोगों को यहां तक पहुंचने के लिए सार्वजनिक परिवहन नहीं मिला।

मस्जिद में जुमे की पिछली नमाज आठ जुलाई को हुई थी। यहां तक कि इस वर्ष मस्जिद में ईद की नमाज भी नहीं पढ़ी गयी। करीब दो सदी में ऐसा पहली बार हुआ, मस्जिद पिछली बार 1821 में बंद हुई थी।

हालांकि घाटी में स्थिति में सुधार आने के बाद आज जुमे की नमाज पढ़ने की अनुमति दी गयी।

जुमे की नमाज से पहले आम तौर पर खुतबा पढ़ने वाले हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी धड़े के नेता मीरवाइज उमर फारूक नजरबंद हैं और उन्हें मस्जिद आने की इजाजत नहीं मिली।

अधिकारियों ने बताया कि जुमे की नमाज खत्म होते ही युवाओं के एक समूह ने राजौरी कदल की ओर मार्च निकाला, लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें रोक दिया। दोनों पक्षों में झड़प भी हुई, लेकिन किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।

 

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