एक्शन में FSSAI, मिलावटी खाने-पीने की चीजों को लेकर कैम्पेन शुरू
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एक्शन में FSSAI, मिलावटी खाने-पीने की चीजों को लेकर कैम्पेन शुरू

बड़े इवेंट्स में कई बार खाना बच जाता है या फिर फेंका जाता है. खाने की बर्बादी नहीें हो, इसके लिए टेक्नोलॉजी की मदद ली जा रही है.

फाइल फोटो.

नेहा सिंह, नई दिल्ली: खाने-पीने के सामान में हो रही मिलावट को लेकर FSSAI एक्शन में है. क्लाउड किचन की साफ सफाई और प्लाटिक का खाने में कम इस्तेमाल को लेकर FSSAI ने विशेष अभियान चलाया है. एक्शन प्लान को लेकर ज़ी न्यूज़ की रिपोर्टर नेहा सिंह ने FSSAI के CEO पवन अग्रवाल से विशेष बातचीत की. इसमें उन्होंने आगे का रोडमैप बताया. खाने पीने की चीजों में मिलावट को लेकर एक्ट में कोई बदलाव करने की तैयारी हो रही है क्या? खासतौर पर ऐसा मिलावट जिससे सेहत को नुकसान हो. जवाब में पवन अग्रवाल ने कहा कि इसके लिए कानून में बदलाव की कोई जरूरत नहीं है. वर्तमान कानून में जो प्रावधान हैं अगर उसे ठीक तरह से लागू किया जाता है तो सब सही हो जाएगा. फिलहाल, इसी दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं.

फूड इको सिस्टम में फूड एग्रीगेटर एक अहम भूमिका निभा रहे हैं. लेकिन, जिन किचन से वो खाना लाते हैं उसकी साफ सफाई कैसी है ये ग्राहकों को नहीं पता चलता. क्या इसको लेकर कोई नियम बनाएगा या ड्राइव चलाएगा. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि जो रेस्टोरेंट फूड एग्रीग्रेटर से जुड़े हैं, उन सभी को FSSAI से रजिस्टर होना जरूरी है. जो रेस्टोरेंट रजिस्टर नहीं हैं, उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

बड़े इवेंट्स में कई बार खाना बच जाता है या फिर फेंका जाता है. ऐसा खाना कई बार लोगों में बांटा जाता है. खासकर शादियों के मौके पर. क्या इसको लेकर भी FSSAI ने कोई कदम उठाया है? जवाब में उन्होंने कहा, हाइजिन फैक्टर बहुत ही जरूरी है. इसके लिए रेटिंग कैम्पेन की शुरुआत की गई है. इसके लिए टेक्नोलॉजी की मदद ली गई है जो मोबाइल एप्लीकेशन आधारित है.

फूड फोर्टिफिकेशन की क्या स्थिति को लेकर उन्होंने कहा, इस दिशा में दूध और तेल में अच्छा विकास हुआ है. फोर्टिफिकेशन को लेकर कई संगठनों का विरोध है. उनके मुताबिक नैचुरल विटामिन और न्यूट्रिएंट के बदले सिंथेटिक विटामिन क्यों दिया जाए. इस पर उन्होंने कहा कि सिंथेटिक विटामिन का स्वास्थ्य पर बुरा असर नहीं है.

प्रधानमंत्री की अपील के बाद खाने पीने की चीजों में प्लास्टिक को किस तरह काम किया जाए. क्या इस पर आपने कोई योजना बनाई है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि प्लास्टिक का सबसे ज्यादा इस्तेमाल फूड और वेबरेज पैकिंग में होता है. इस दिशा में NGT के साथ मिलकर काम कर रहे हैं

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