राफेल डील पर SC के फैसले के बाद लोकसभा में हंगामा, कार्यवाही 17 दिसंबर तक के लिए स्थगित
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राफेल डील पर SC के फैसले के बाद लोकसभा में हंगामा, कार्यवाही 17 दिसंबर तक के लिए स्थगित

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि SC के फैसले के बाद अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को देश से माफी मांगनी चाहिए.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: राफेल लड़ाकू विमान सौदे मामले में मोदी सरकार को बड़ी राहत मिली है. वहीं, संसद के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन दोनों सदनों में राफेल डील पर आए फैसले पर जमकर हंगामा किया.सर्वोच्च न्यायलय के फैसले के बाद विपक्ष ने संसद में जमकर हंगामा किया और जेपीसी की जांच की मांग पर अड़े रहे. वहीं, गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि SC के फैसले के बाद अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को देश से माफी मांगनी चाहिए. हंगामा बढ़ता देख लोकसभा को 17 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दिया है. 

लोकसभा में हंगामे के बीच राजनाथ ने कहा कि राहुल गांधी अब देश से माफी मांगनी चाहिए. राफेल डील को लेकर उन्होंने दुनिया में भारत की छवि को खराब किया है. उन्होंने कहा कि राफेल सौदे पर कोई गड़बड़ी नहीं हुई. वहीं, हंगामे के बीच पंजाब से कांग्रेस सांसद सुनील जाखड़ ने लोकसभा में राफेल डील पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया.

आपको बता दें कि राफेल विमान सौदे पर सवाल उठाने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया. सीजेआई रंजन गोगोई ने सुनवाई के दौरान कहा है कि इस सौदे की प्रक्रिया में सुप्रीम कोर्ट को कोई भी गड़बड़ी नहीं मिली है. इसलिए इसकी एसआईटी जांच नहीं होगी.

सीजेआई ने कहा कि राफेल विमान सौदे में कीमतों की जांच सुप्रीम कोर्ट का काम नहीं है. हम कुछ लोगों की धारणा के आधार पर फैसला नहीं दे सकते हैं. राफेल सौदे में कोई धांधली या अनियमितता नहीं है. राफेल विमान की गुणवत्‍ता पर कोई शक नहीं है. देश को अच्‍छे विमानों की जरूरत है तो राफेल डील पर सवाल क्‍यों ? आपको बता दें कि राफेल मामले में दो वकील एमएल शर्मा और विनीत ढांडा के अलावा एक गैर सरकारी संस्था ने जनहित याचिकाएं दाखिल कर सौदे पर सवाल उठाते हुए इसे रद्द करने की मांग की थी.

एनडीए सरकार पर राफेल सौदे को लेकर विपक्षियों ने आरोप लगाया कि हर विमान को करीब 1,670 करोड़ रुपये में खरीद रही है, जबकि यूपीए सरकार जब 126 राफेल विमानों की खरीद के लिए बातचीत कर रही थी तो उसने इसे 526 करोड़ रुपये में अंतिम रूप दिया था. सुप्रीम कोर्ट में दो वकीलों एमएल शर्मा और विनीत ढांडा के अलावा एक गैर सरकारी संस्था ने जनहित याचिकाएं दाखिल कर सौदे पर सवाल उठाए हैं.

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