'2012 में ही चंद्रयान-2 लॉन्च करने की थी योजना, लेकिन UPA सरकार ने टाल दिया': पूर्व ISRO चीफ
चंद्रयान-1 के मुख्य कर्ता धर्ता रहे नायर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख और अंतरिक्ष विभाग में 2003 से 2009 तक सचिव के पद पर रहे थे और चंद्रयान-1, 22 अक्टूबर, 2008 में छोड़ा गया था.
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हैदराबाद: इसरो के पूर्व प्रमुख जी माधवन नायर ने बुधवार को दावा किया कि चंद्रयान-2 मिशन पहले ही रवाना किया जा सकता था पर तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने 2014 के लोकसभा चुनावों को देखते हुए 'राजनीतिक कारणों' से 'मंगलयान' परियोजना को आगे बढ़ा दिया. चंद्रयान-1 के मुख्य कर्ता धर्ता रहे नायर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख और अंतरिक्ष विभाग में 2003 से 2009 तक सचिव के पद पर रहे थे और चंद्रयान-1, 22 अक्टूबर, 2008 में छोड़ा गया था. उन्होंने कहा कि चंद्रयान-2 को 2012 के अंत में रवाना किया जाना था. नायर बीते साल अक्ट्रबर में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे.
वहीं कांग्रेस ने चंद्रयान-2 मिशन में संप्रग सरकार के विलंब करने से जुड़े पूर्व इसरो प्रमुख जी माधवन नायर के दावे की निंदा की है. पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने नायर के बयान के बारे में पूछे जाने पर संवाददाताओं से कहा, ''मैंने यह वक्तव्य नहीं देखा है, लेकिन ऐसा है तो मैं इसकी आलोचना करता हूं. इसकी कड़े शब्दों में निंदा करता हूं.'' उन्होंने कहा, ''आपका काम सरकार की आलोचना करना नहीं है. आप वैज्ञानिक हैं, आपका स्थान तो गौरवान्वित करने वाला है. आप देखते हैं कि एक पार्टी सत्ता से बाहर है तो कुछ बोलने लगते हैं. कल को कांग्रेस सत्ता में आई तो इसकी धुन गाने लगेंगे.''
Former ISRO Chief & BJP leader G Madhavan Nair: Original plan was to launch Chandrayaan-2 in 2012 but due to some policy level decisions of UPA-2 government it was delayed. After Modi ji took over, he gave thrust to such projects, especially Gaganyaan & Chandrayaan-2. (13.6.19) pic.twitter.com/ul5vCei3Uo
— ANI (@ANI) 14 June 2019
सिंघवी ने कहा कि सरकार और भाजपा को भी नायर के इस बयान की निंदा करनी चाहिए. इसरो के पूर्व प्रमुख जी माधवन नायर ने बुधवार को दावा किया था कि चंद्रयान-2 मिशन पहले ही रवाना किया जा सकता था, लेकिन तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने 2014 के लोकसभा चुनावों को देखते हुये 'राजनीतिक कारणों' से 'मंगलयान' परियोजना को आगे बढ़ा दिया. गौरतलब है कि नायर पिछले साल अक्टूबर में भाजपा में शामिल हुए थे.
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बता दें चंद्रमा की सतह पर खनिजों के अध्ययन और वैज्ञानिक प्रयोग करने के लिए भारत के दूसरे चंद्र अभियान, ‘चंद्रयान-2’ को 15 जुलाई को रवाना किया जाएगा. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) प्रमुख के. सिवन ने बुधवार को यह घोषणा की. सिवन ने यहां संवाददाताओं को बताया कि यह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास छह या सात सितंबर को उतरेगा. चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से 15 जुलाई को तड़के दो बज कर 51 मिनट पर होगा. जीएसएलवी मार्क-3 रॉकेट इसे लेकर अंतरिक्ष में जाएगा. इसरो ने इससे पहले प्रक्षेपण की अवधि नौ जुलाई से 16 जुलाई के बीच रखी थी. अंतरिक्ष यान का द्रव्यमान 3.8 टन है. इसमें तीन मॉड्यूल हैं -- आर्बिटर, लैंडर(विक्रम) और रोवर(प्रज्ञान). सिवन ने कहा कि 'आर्बिटर' में आठ पेलोड, तीन लैंडर और दो रोवर होंगे.
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उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि चंद्रयान-2 अभियान में उपग्रह से जुड़ी लागत 603 करोड़ रूपये की है. वहीं, जीएसएलवी मार्क-3 की लागत 375 करेाड़ रूपये है. इसरो के मुताबिक, ऑर्बिटर, पेलोड के साथ चंद्रमा की परिक्रमा करेगा. लैंडर चंद्रमा के पूर्व निर्धारित स्थल पर उतरेगा और वहां एक रोवर तैनात करेगा. ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर पर लगे वैज्ञानिक पेलोड के चंद्रमा की सतह पर खनिज और तत्वों का अध्ययन करने की उम्मीद है. गौरतलब है कि चंद्रयान-2 अपने पूर्ववर्ती चंद्रयान-1 का उन्नत संस्करण है. चंद्रयान-1 को करीब 10 साल पहले भेजा गया था.
(इनपुटः भाषा)