गंगा दशहरा का हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण स्थान है. उस दिन गंगा स्नान के साथ दान-पुण्य करने की लंबी परंपरा है.
Trending Photos
नई दिल्ली: गंगा दशहरा का हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण स्थान है. इस दिन प्यासों को पानी और भूखों को भोजन कराने का विशेष महत्व माना जाता है.
हिन्दू पंचांग के मुताबिक प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा (Ganga Dussehra 2021) मनाया जाता है. इस बार यह तिथि 19 जून शनिवार को शाम 06 बजकर 47 मिनट से शुरू होकर 20 जून रविवार को शाम 04 बजकर 23 मिनट पर खत्म होगी. ऐसे में इस बार यह पर्व दो दिन का होगा लेकिन मुख्य तौर पर इसे 20 जून को ही मनाया जाएगा.
हिंदू धर्म में गंगा दशहरा (Ganga Dussehra 2021) को मां गंगा की जयंती का दिन माना गया है. माना जाता है कि इसी पावन दिन को मां गंगा (Maa Ganga) स्वर्ग से उतरकर पृथ्वी पर आई थी और दुनिया का कल्याण किया था. उसी दिन से इस तिथि पर मां गंगा का पूजन करने की परंपरा की शुरुआत हुई. माना गया है कि इस दिन जो भी व्यक्ति गंगा में स्नान करने के पश्चात दान करता है, उसके सभी तरह के पाप धुल जाते हैं. इस दिन दान-पुण्य करना बहुत शुभ माना जाता है.
इस दिन अपने पितरों को याद करना और उन्हें जल अर्पित करना भी महत्वपूर्ण माना जाता है. पिछले साल की तरह इस बार भी कोरोना महामारी अपने चरम पर चल रही है. ऐसे में कोविड प्रोटोकॉल के चलते लोगों के लिए गंगा में स्नान करना मुश्किल होगा. लिहाजा श्रद्धालु अपने घर पर ही मां गंगा को याद कर स्नान कर सकते है. उसके बाद विधि-विधान से मां गंगा (Maa Ganga) की पूजा और सूर्यदेव को अर्घ्य दे सकते हैं. इस दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व है, इसलिए किसी भी जरूरतमंद को उस दिन दान जरूर करना चाहिए.
- गंगा दशहरा (Ganga Dussehra 2021) वाले दिन आप सुबह जल्दी उठकर अपने घर पर ही गंगाजल की कुछ बूंदें पानी में डाल लें. उसके बाद उसमें थोड़ी सी हल्दी मिलाकर स्नान कर लें.
- स्नान के बाद आप अपने घर में बने मंदिर में गंगाजल से भरा लोटा रखें. फिर सच्चे मन से मां गंगा की आराधना करें.
-पूजन के दौरान "ऊँ नम: शिवायै नारायण्यै दशहरायै गंगायै नम:.." मंत्र का जाप जरूर करें.
-इसके बाद मां गंगा (Maa Ganga) को पांच अलग-अलग प्रकार के पुष्प अर्पित करें और साथ-साथ "ऊँ नमो भगवते ऐं ह्रीं श्रीं हिलि हिलि मिलि मिलि गंगे मां पावय पावय स्वाहा.." का जाप करते हैं.
ये भी पढ़ें- गंगा दशहरा: जानिए गंगा के धरती पर आने की कहानी
-मंत्र का जप करते हुए, मां गंगा को दस तरह के फूल, दस नैवेद्य, दस पान, दस पत्ते और दस तरह के फल अर्पित करें.
-इसके बाद दस वस्तुओं को गरीबों, जरूरतमंदों या ब्राह्मणों को दान कर दीजिए.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)
LIVE TV