18 अप्रैल से खुलेंगे गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट, 20-21 अक्टूबर को बंद हुए थे कपाट
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18 अप्रैल से खुलेंगे गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट, 20-21 अक्टूबर को बंद हुए थे कपाट

यमुनोत्री मन्दिर समिति के उपाध्यक्ष जगमोहन उनियाल ने बताया मंदिर के कपाट 18 अप्रैल को दोपहर 12 बजकर, 15 मिनट पर खोले जाने का मुहूर्त यमुना जयंती के मौके पर तीर्थ पुरोहितों ने निकाला. 

18 अप्रैल से खुलेंगे गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट, 20-21 अक्टूबर को बंद हुए थे कपाट

देहरादून : ऊंचे हिमालयी इलाके में स्थित यमुनोत्री धाम के कपाट इस साल अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर 18 अप्रैल को दोपहर सवा बारह बजे श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे. यमुनोत्री मन्दिर समिति के उपाध्यक्ष जगमोहन उनियाल ने बताया कि धाम के कपाट 18 अप्रैल को दोपहर 12 बजकर, 15 मिनट पर श्रद्धालुओं के लिए खोले जाने का मुहूर्त यमुना जयंती के मौके पर तीर्थ पुरोहितों ने यमुना मंदिर में बैठकर निकाला. अक्षय तृतीया पर ही खुलने वाले गंगोत्री धाम के कपाट दोपहर बाद एक बजकर, 15 मिनट पर खुलेंगे.

  1. गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट 18 अप्रैल को खुलेंगे
  2. बद्रीनाथ-केदारनाथ के कपाट 29-30 अप्रैल को खुलेंगे
  3. कपाट खुलते ही शुरू हो जाएंगी चारधाम यात्रा

गंगोत्री मंदिर खोले जाने का मुहूर्त चैत्र नवरात्र आरंभ होने के अवसर पर 16 मार्च को निकाला गया था. गढ़वाल हिमालय के चार धामों के नाम से प्रसिद्ध दो अन्य मंदिरों, बद्रीनाथ और केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने की तिथि और समय भी निश्चित हो चुका है. बदरीनाथ मंदिर के कपाट 30 अप्रैल को खुलेंगे, वहीं केदारनाथ के कपाट 29 अप्रैल को खुल रहे हैं.

चारों धाम उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित होने के कारण सर्दियों में भारी बर्फवारी की चपेट में रहते हैं और इसलिए उन्हें श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए बंद कर दिया जाता है. अगले साल मंदिरों के कपाट दोबारा अप्रैल—मई में श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाते हैं. हर साल अप्रैल-मई से अक्टूबर-नवंबर तक चलने वाली इस वार्षिक तीर्थयात्रा को गढवाल हिमालय की आर्थिकी की रीढ़ माना जाता है.

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अन्य स्थानों पर स्थापित की जाती हैं मूर्तियां
बर्फबारी के कारण कपाट बंद होने पर गंगोत्री की मूर्ति को मुखवा में स्थापित कर दिया जाता है. शीतकाल में छह माह तक मां गंगा की पूजा यहीं होती है. यमुनाजी की उत्सव मूर्ति शीतकालीन पड़ाव खरसाली गांव में स्थापित की जाती है. 

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