गंगा की सफाई में भारत का साथ देना चाहता है जर्मनी
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गंगा की सफाई में भारत का साथ देना चाहता है जर्मनी

जर्मनी की बेवारियाई मंत्री उलरिके शार्फ ने केंद्रीय मंत्री उमा भारती से मुलाकात की और ‘नमामि गंगे’ सहित जल संसाधन क्षेत्र में सहयोग प्रदान करने पर चर्चा की.  केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, जर्मनी के राज्य बेवारिया को डेन्यूब नदी सफलतापूर्वक साफ करने का अनुभव है.

जर्मनी ने गंगा की सफाई के लिए सहयोग की पेशकश की

नई दिल्ली : जर्मनी की बेवारियाई मंत्री उलरिके शार्फ ने केंद्रीय मंत्री उमा भारती से मुलाकात की और ‘नमामि गंगे’ सहित जल संसाधन क्षेत्र में सहयोग प्रदान करने पर चर्चा की.  केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, जर्मनी के राज्य बेवारिया को डेन्यूब नदी सफलतापूर्वक साफ करने का अनुभव है.

बयान में कहा गया, ‘‘भारती ने कहा कि इस राज्य को डेन्यूब नदी साफ करने का अच्छा अनुभव है और भारत उनके अनुभव का लाभ उठा सकता है. भारती ने उन्हें नमामी गंगे कार्यक्रम का संक्षिप्त विवरण दिया है और इसके लिए उनसे सहयोग की मांग भी की है.’’ शार्फ ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बेवारिया इस क्षेत्र में भारत के साथ अपना अनुभव और ज्ञान साझा करना चाहेगा.

बता दें कि पिछले साल केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय और जर्मनी के जर्मन इंटरनेशनल कोआपरेशन (जीआइजेड) के बीच नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत गंगा नदी के संरक्षण लागू करने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर हुआ था. जर्मन सरकार को राइन, एल्ब और दान्यूब जैसी यूरोपीय नदियों के निर्मलीकरण और संरक्षण का व्यापक अनुभव है. ऐसे में भारत सरकार उनके अनुभव का लाभ उठाकर गंगा को साफ करना चाहती है. 

उल्लेखनीय है कि नमामि गंगे भारत सरकार का महत्त्वाकांक्षी कार्यक्रम है. इसका उद्देश्य नई ऊर्जा से गंगा नदी को प्रदूषण मुक्त करना और संरक्षण करना है. इस संबंध में भारत सरकार गंगा संरक्षण के लिए कई दूसरे देशों से सहायता ले रही है.

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