55 हजार रुपये में बेची गई 24 साल की लड़की, 6 महीने तक होती रही शारीरिक शोषण का शिकार
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55 हजार रुपये में बेची गई 24 साल की लड़की, 6 महीने तक होती रही शारीरिक शोषण का शिकार

शाजापुर एसपी ने पीड़ित परिवार की मदद की और युवती को आरोपियों के चंगुल से छुडाया.

बैतूल जिले की रहने वाली 24 साल की एक लड़की को 55 हजार रुपये में शाजापुर जिले में बेचा गया था (प्रतीकात्मक तस्वीर)

नई दिल्ली: मध्यप्रदेश में लगातार महिलाओं के उत्पीड़न के मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में एमपी से एक मानव तस्करी से जुड़ा मामला भी सामने आया है जिसमें बैतूल जिले की रहने वाली 24 साल की एक लड़की को 55 हजार रुपये में शाजापुर जिले में बेचा गया था. युवती के माता-पिता पिछले 6 महीने से लगातार बैतूल में अपनी बेटी के लिए कलेक्टर और एसपी से गुहार लगाते रहे लेकिन उनकी एक न सुनी गई. लड़की के माता-पिता ने इसके बाद भी हिम्मत नहीं हारी और शाजापुर पुलिस अधीक्षक को पूरे मामले से अवगत कराया. शाजापुर एसपी ने पीड़ित परिवार की मदद की और युवती को आरोपियों के चंगुल से छुडाया. पुलिस ने इस मामले में 6 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

  1. 24 साल की एक लड़की को 55 हजार रुपये में शाजापुर जिले में बेचा गया था.
  2. माता-पिता ने 22 सितंबर को बैतूल जिले के आमला थाने में इसकी शिकायत की.
  3. शाजापुर पुलिस ने पीड़ित परिवार की मदद की और पुलिस बल को भरड गांव भेजा.

मोबाइल हुआ बंद तो बेटी को लेकर सताने लगी चिंता

जानकारी के मुताबिक बैतूल जिले की रहने वाली एक 24 वर्षीय दलित युवती को उसकी मां और भाई के साथ काम के बहाने रजनी नाम की एक महिला पुणे ले गई. पुणे में कुछ दिन रखने के बाद युवती की मां से उसे दूसरी जगह अच्छा काम दिलाने के बहाने आरोपी रजनी उसे शाजापुर ले आई और यहां आकर उसे जिले के भरड गांव में रहने वाले रवि भामी को बेच दिया. युवती के माता-पिता उसके मोबाइल पर संपर्क करने लगे तो मोबाइल बंद आने लागा. माता-पिता ने रजनी से संपर्क भी किया तो बहाने बनाने लगी. ये सब देख उन्हें अपनी बेटी की चिंता सताने लगी.

6 महीने तक नहीं हुई कोई कार्रवाई
माता-पिता ने 22 सितंबर को बैतूल जिले के आमला थाने में इसकी शिकायत की लेकिन बैतूल पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. युवती के माता-पिता उसके बाद से कई बार कलेक्टर एवं एसपी को भी लिखित में आवेदन देकर अपनी बेटी को बचाने की गुहार लगाते रहे लेकिन बैतूल पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया. ऐसे में युवती को बेचे 6 माह हो गए.

एनजीओ की मदद से पता चला बेटी बेची जा चुकी है
युवती के माता-पिता ने एनजीओ एवं एक स्थानीय व्यक्ति की मदद से यह पता कर लिया कि उनकी बेटी को शाजापुर जिले में बेचा गया है. बैतूल पुलिस को पीड़ित माता-पिता ने अपनी बेटी के शाजापुर जिले में बेचे जाने के संबंध में आवेदन भी दिया लेकिन उसके बाद भी बैतूल पुलिस ने पीड़ित परिवार की कोई मदद नहीं की.

शाजापुर पुलिस से की फरियाद तब जाकर मिली मदद
पीड़ित माता-पिता अपनी बेटी को छुड़ाने के लिए शाजापुर आए और इन्होंने पूरे घटनाक्रम से शाजापुर एसपी शैलेन्द्र सिंह चौहान को अवगत कराया. जिसके बाद शाजापुर पुलिस ने इस पीड़ित परिवार की मदद की और पुलिस बल को भरड गांव भेजा गया. शाजापुर पुलिस ने युवती को आरोपियों के चंगुल से मुक्त कराकर 6 आरोपियों के खिलाफ मानव तस्करी, अपहरण सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया.

55 हजार रुपये में बेची गयी युवती का होता था शारीरिक शोषण
जानकारी के मुताबिक बैतूल की मुख्य आरोपी रजनी ने इस युवती को 55 हजार रुपये में दो दलालों के माध्यम से शाजापुर जिले के ग्राम भरड निवासी रवि भामी को बेच दिया था. रवि एवं उसके परिजन युवती को प्रताड़ित किया करते थे. रवि ने युवती के साथ शादी भी कर ली थी. आरोपी युवती को घर से बाहर नहीं निकलने देते थे और घर का सारा काम करवाते थे. रवि उसका शारीरिक शोषण भी करता रहा और पीड़ित जब इसका विरोध करती तो आरोपी कहता मैंने 55 हजार रुपये में खरीदा है.

6 में से तीन आरोपी हो चुके हैं गिरफ्तार
बैतूल पुलिस को पूरे मामले में कार्रवाई करनी थी लेकिन बैतूल पुलिस ने पीड़ित परिवार की कोई मदद नहीं की. शाजापुर पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित कार्रवाई की, युवती को आरोपियों के चंगुल से छुड़ाया और आरोपियों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया. शाजापुर पुलिस ने 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है जिसमें से तीन आरोपी पुलिस गिरफ्त में हैं, तीन आरोपियों की तलाश में पुलिस जुटी हुई है. मुख्य आरोपी रजनी को पकड़ने के लिए शाजापुर पुलिस का दल बैतूल भी जाने वाला है.

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