DNA with Sudhir Chaudhary: हम आपको मंगलवार की सबसे शक्तिशाली तस्वीर के बारे में बताते हैं, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और ऑस्ट्रेलिया के नए प्रधानमंत्री से आगे चलते हुए दिख रहे हैं. इसी फोटो में आप जापान के प्रधानमंत्री को उनसे बातचीत करते हुए भी देख सकते हैं. ये तस्वीरें अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की नई शक्ति के बारे में बताती हैं. 


दुनिया में बढ़ा PM मोदी का कद


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आज QUAD की बैठक में प्रधानमंत्री सबसे सीनियर नेता थे, बाइडेन पिछले साल ही 20 जनवरी 2021 को अमेरिका के राष्ट्रपति बने हैं. जापान के प्रधानमंत्री ने भी पिछले साल ही ये पद संभाला है और ऑस्ट्रेलिया के नए प्रधानमंत्री ने तो कल ही शपथ ली है. जबकि प्रधानमंत्री मोदी दुनिया के इकलौते ऐसे नेता हैं, जिनके पीछे 140 करोड़ लोग खड़े हैं और उन्होंने दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में एक बार नहीं बल्कि दो-दो बार पूर्ण बहुमत से चुनाव जीत कर सरकार बनाई है. यानी आज प्रधानमंत्री मोदी का Status सबसे बड़े और मजबूत ग्लोबल लीडर का है और वो दूसरे देशों के बीच स्वीकार्य भी हैं.



किसी भी नेता को तीन कसौटियों पर परखा जाता है. पहला, उसकी लोकप्रियता. दूसरा, किसी भी संकट से लड़ने की उसकी क्षमता और तीसरा भविष्य को लेकर उसका विजन. इन तीनों ही मामलों में प्रधानमंत्री मोदी दुनिया के किसी भी नेता से काफी ऊपर हैं. जब पूरी दुनिया कोरोना से संघर्ष कर रही थी, उस वक्त प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व कौशल ने उन्हें दुनियाभर में ग्लोबल लीडर के तौर पर स्थापित किया. कोविड मैनेजमेंट को लेकर उनकी नीतियों और वैक्सीन को लेकर सरकार के प्रयासों ने उनकी विश्वसनीयता को और भी बढ़ा दिया.


ग्लोबल लीडर कैसे बने प्रधानमंत्री मोदी?


प्रधानमंत्री मोदी को सबसे बड़ा और मजबूत ग्लोबल लीडर क्यों माना जाता है, ये बात आप इस खबर से भी समझ सकते हैं. आज प्रधानमंत्री मोदी ने जापान के एक दो नहीं बल्कि तीन-तीन पूर्व प्रधानमंत्रियों से मुलाकात की. वह पहले जापान के पूर्व प्रधानमंत्री Yoshihide Suga (योशिंदे सुगा) से मिले और इसके बाद उन्होंने जापान के एक और पूर्व प्रधानमंत्री Yoshiro Mori (योशिरो मोरी) और शिंजो आबे से एक साथ मुलाकात की.


शिंजो आबे ने अपने एक ट्वीट में बताया कि उन्हें आज ही Japan-India Association का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है और वो प्रधानमंत्री मोदी से मिले हैं. यहां एक दिलचस्प बात ये है कि वर्ष 2007 में जब शिंजो आबे जापान के प्रधानमंत्री के तौर पर भारत आए थे, तब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे और वो उनसे मिलने के लिए खासतौर पर गुजरात से दिल्ली आए थे.


इसके अलावा वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद जब मोदी जापान के दौरे पर गए थे, तब शिंजो आबे ही जापान के प्रधानमंत्री थे. इन दोनों नेताओं ने ही भारत और जापान की पक्की दोस्ती की नींव मजबूत की थी.