राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर उनके निधन की जानकारी दी. इससे कुछ समय पहले ही सीएमओ ऑफिस ने ट्वीट कर बताया था कि उनकी हालत गंभीर थी. डॉक्टर अपनी ओर से इलाज की पूरी कोशिश कर रहे थे. उनके निधन की खबर सुनते ही उनके घर के बाहर लोगों का हुजूम लग गया.
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पणजी/नई दिल्ली: गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का लंबी बीमारी के बाद रविवार 17 मार्च 2019 को निध्ान हो गया. वह 64 वर्ष के थे. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर उनके निधन की जानकारी दी. इससे कुछ समय पहले ही सीएमओ ऑफिस ने ट्वीट कर बताया था कि उनकी हालत गंभीर थी. डॉक्टर अपनी ओर से इलाज की पूरी कोशिश कर रहे थे. उनके निधन की खबर सुनते ही उनके घर के बाहर लोगों का हुजूम लग गया.
बता दें कि मनोहर पर्रिकर एक साल से ज्यादा समय से कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे. उनका अमेरिका, मुंबई और दिल्ली में इलाज भी हुआ. अभी गोवा में ही उनका इलाज हो रहा था. गोवा की राजधानी पणजी में उनके घर के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है. उनके आवास पर गोवा कैबिनेट के मंत्रियों का पहुंचना शुरू हो गया है. पिछले चुनाव में जब बीजेपी सत्ता की दौड़ में पिछड़ने लगी, तो उन्होंने ही कमान संभालकर फिर से पार्टी को सत्ता में लौटाया. सोमवार शाम को पणजी में मनोहर पर्रिकर का अंतिम संस्कार किया जाएगा. सुबह से आम लोग अपने नेता के अंतिम दर्शन कर सकेंगे. सरकार ने सोमवार को राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया है.
मनोहर पर्रिकर का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए पणजी के बीजेपी ऑफिस में सुबह 9.30 मिनट से 10.30 बजे तक रखा जाएगा.
सुबह 10.30 बजे उनका पार्थिव शरीर कला अकादमी में रखा जाएगा.
सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक उनके समर्थक और आम लोग उनके दर्शन कर सकेंगे.
पणजी के एसएजी मैदान पर शाम 5 बजे अंतिम संस्कार किया जाएगा.
President of India announces that Goa Chief Minister Manohar Parrikar has passed away pic.twitter.com/PS8ocF395S
— ANI (@ANI) March 17, 2019
मनोहर पर्रिकर के निधन की खबर सबसे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर दी. उससे पहले उनकी गंभीर हालत के बारे में सीएमओ ने ट्वीट कर बताया था कि उनकी हालत गंभीर है. मनोहर पर्रिकर का जन्म गोवा में 13 दिसंबर 1955 को हुआ. सबसे पहले वह वर्ष 2000 में गोवा के मुख्यमंत्री बने थे. वह 2005 तक सीएम रहे. इसके बाद वह 2012 से 2014 तक फिर से मुख्यमंत्री रहे. 2014 में वह केंद्र में रक्षामंत्री बने.
मुख्यमंत्री के निजी आवास पर सबसे पहले पहुंचने वालों में राज्य के पुलिस महानिदेशक प्रणब नंदा हैं. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट किया है, ‘‘गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन की सूचना पाकर शोकाकुल हूं।’’ उन्होंने कहा कि पर्रिकर बेहद साहस और सम्मान के साथ अपनी बीमारी से लड़े. उन्होंने लिखा है कि सार्वजनिक जीवन में वह ईमानदारी और समर्पण के मिसाल हैं और गोवा और भारत की जनता के लिए उनके काम को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा.
मोदी ने सरकार बनते ही उन्हें बनाया रक्षामंत्री
ये उनकी कार्यशैली का कही कमाल था कि जैसे ही नरेंद्र मोदी पीएम बने, उन्होंने रक्षामंत्री जैसा अहम पद मनोहर पर्रिकर को सौंपा. हालांकि बाद में उन्हें फिर से गोवा की राजनीति में लौटना पड़ा. इसके कुछ दिनों बाद ही वह बीमार हो गए.
उनकी बीमारी के साथ ही गोवा में भारी राजनीतिक उथल पुथल मची हुई है. कांग्रेस ने गोवा में सरकार बनाने का दावा पेश किया हुअा है. उनकी बीमारी का बहाना बनाकर कांग्रेस की ओर से कई बार आरोप भी लगाए गए. इसके बाद पिछले दिनों उनके स्वास्थ्य में सुधार हुआ था. वह कुछ जगह सार्वजनिक रूप से भी दिखाई दिए थे. हालांकि नेतृत्व परिवर्तन के मुद्दे पर बीजेपी ने पर्रिकर पर ही भरोसा दिखाया. तमाम दबाव के बावजूद उन्हें सीएम पद से नहीं हटाया गया.
उनकी हालत के बारे में खुद सीएम आॅफिस ने ट्वीट कर जानकारी दी है. मनोहर पर्रिकर अग्न्याशय की बीमार से पीड़ित हैं और नई दिल्ली के एम्स में इलाज कराने के बाद वह पिछले साल अक्टूबर में अपने घर लौट गए थे. वहीं से अपना इलाज करा रहे हैं. राज्य में लौटने के बाद पर्रिकर ने कुछ ही आधिकारिक कार्यक्रमों में हिस्सा लिया है और सार्वजनिक तौर पर भी कम ही दिखे हैं. इसके अलावा पर्रिकर ने पिछले साल अमेरिका और मुंबई के निजी अस्पतालों में उपचार कराया था. कुछ महीने पहले पुल के काम को वो देखने गए थे, तब उनकी ली हुई तस्वीर काफी वायरल हुई थी.