कोरोना काल में फेस मास्क जिंदगी का अहम हिस्सा बन गए हैं. सोने और चांदी से बने मास्क का ट्रेंड भी बढ़ रहा है.
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चेन्नई: कोरोना काल (coronavirus Pandemic) में फेस मास्क (Mask) जिंदगी का अहम हिस्सा बन गए हैं. सोने और चांदी से बने मास्क का ट्रेंड भी बढ़ रहा है. तमिलनाडु (Tamil Nadu) के कोयंबटूर के ज्वेलर राधाकृष्णन का नया प्रयोग रंग ला रहा है. उन्होंने एक हफ्ते पहले ही सोने और चांदी के मास्क डिजाइन किए. ग्राहकों ने इन्हें हाथों-हाथ लिया है. ग्राहक आइटम के तौर पर भी इन्हें खरीद रहे हैं.
ग्राहकों से मिली शानदार प्रतिक्रिया पर राधाकृष्णन का कहना है, "फिलहाल गोल्ड और सिल्वर से बने मास्क का इस्तेमाल आभूषण के तौर पर क्यों ना किया जाए? बाद में ग्राहक अपनी सहूलियत के हिसाब से इसकी कीमत के बराबर दूसरी ज्वेलरी ले सकते हैं. शौक पूरा हो जाने पर उसे बेचकर पैसे भी ले सकते हैं."
कोयंबटूर में आरके ज्वेल वर्क्स के नाम से शॉप चलाने वाले ज्वेलरी-मेकिंग क्षेत्र में पिछले 35 साल से काम कर रहे हैं. तीन साल पहले, उन्होंने सोने के कपड़े बनाना और बेचना शुरू किया था. हालांकि, ज्यादातर कपड़े ऑर्डर पर किसी खास अवसर के लिए तैयार किए गए. राधाकृष्णन ने अपने इसी अनुभव का इस्तेमाल अब सोने-चांदी के मास्क बनाने में किया है.
राधाकृष्णन ने बताया, "हम इन्हें 18 कैरेट से लेकर 22 कैरेट हॉलमार्क सर्टिफाइड गोल्ड से बनाते हैं और शुद्धता की पूरी गारंटी है. चांदी की बात करें तो हम इससे बने मास्क केवल 92.5 स्टर्लिंग सिल्वर से तैयार करते हैं. मेटल का वजन लगभग 50ग्राम होगा और मास्क में कपड़े का वजन 6 ग्राम के करीब होगा. सिल्वर वाले मास्क की रेंज 15000 रुपये से चालू है और जबकि सोने वाले मास्क की रेंज 2 लाख, 75 हजार से शुरू है."
उन्होंने आगे बताया, "90% मास्क को हाथ से तैयार किया जाता है. मैं खुद ही ये कीमती आइटम तैयार करता हूं. परिवार के सदस्य भी मदद करते हैं. इस तरह के मास्क तैयार करने में 7 दिन का समय लगता है."
राधाकृष्णन ने कहा, "हम सोने के 0.06 मिमी के तार सबसे पहले तैयार करते हैं क्योंकि मशीन में केवल यही काम कर पाता है. फिर हम इनका इस्तेमाल बुनाई में करते हैं. हमें बेंगलुरू, हैदराबाद और देश के अन्य हिस्सों से ऑर्डर मिल रहे हैं. लोग हमसे इस संबंध में बहुत सी जानकारी रोजाना ले रहे हैं. हमारे पास फिलहाल 9 ऑर्डर हैं."