गूगल और फेसबुक को कारण बताओ नोटिस जारी कर सकती है सरकार
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गूगल और फेसबुक को कारण बताओ नोटिस जारी कर सकती है सरकार

सूत्रों के मुताबिक सरकार इन कंपनियों को आम यूजर्स की जानकारी देश में ही सर्वर में रखने के लिए कह सकती है. 

(प्रतीकात्मक फोटो)

नई दिल्ली : डेटा एनालिटिकल के बाद सरकार गुगल और फेसबुक से भी डेटा लीक के बारे में पूछताछ कर सकती है. केंद्र सरकार ने कड़ा रूख अपनाते हुए डेटा एनॉलिटिकल से 31 मार्च तक डेटा चोरी के बारे में उससे कुछ सवालों के जवाब मांगे हैं. इसके बाद सरकार दूसरी कंपनियों फेसबुक और गुगल को भी नोटिस जारी कर इसी तरह के जवाब मांग सकती है. 

सरकार इन कंपनियों को आम यूजर्स की जानकारी देश में ही सर्वर में रखने के लिए कह सकती है
सूत्रों के मुताबिक सरकार इन कंपनियों को आम यूजर्स की जानकारी देश में ही सर्वर में रखने के लिए कह सकती है. सूत्रों के मुताबिक डेटा चोरी को लेकर मचे बवाल के बाद सरकार देश के नागरिकों के डेटा को ज्य़ादा सुरक्षित बनाने के लिए कंपनियों को आदेश भी जारी किया जा सकती है. हालांकि इससे पहले सरकार इन कंपनियों से डेटा को लेकर कुछ जानकारियां हासिल करना चाहती है. 

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मंत्रालय के एक बड़े अधिकारी ने ज़ी बिज़नेस डॉट कॉम को बताया कि डेटा एनॉलिटिकल से जवाब आने के बाद गुगल और फेसबुक से भी इसी तरह का कारण बताओ नोटिस जारी किया जा सकता है और इन कंपनियों से भी यूजर्स के डेटा के बारे में जानकारी मांगी जा सकती है. सूचना और प्रौघोगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस मामले पर फेसबुक को भी चेतावनी दी थी.

डेटा एनॉलिटकल को नोटिस जारी कर चुकी है सरकार
इससे पहले आम यूजर्स की जानकारी को एकट्ठा करके उसका प्रोफाइल बनाकर उसे बेचने के मामले में डेटा एनॉलिटकल का नाम आया था. इसके बाद सरकार ने इस कंपनी को नोटिस जारी कर दिया था. दरअसल इंटरनेट पर विभिन्न साइट्स और एप के जरिए इंटरनेट कंपनियां आम लोगों के बारे में जानकारी एकत्र कर लेती हैं. इन कंपनियों पर पहले भी इस तरह के डेटा को विभिन्न कंज्यूमर कंपनियों को बेचने के आरोप लगते रहे हैं. 

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