किसानों की फसल, सब्जी और फल बेचने के लिए सरकार ने बनाया नया सिस्टम, घर बैठे होगी बिक्री
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किसानों की फसल, सब्जी और फल बेचने के लिए सरकार ने बनाया नया सिस्टम, घर बैठे होगी बिक्री

किसानों को अब अपनी फसल बाजार में लाने की जरूरत नहीं है. अब किसान के गांव से फसल बेची-खरीदी जा सकती है और फसल भी वहीं से उठा ली जाएगी.  सरकार ने एग्री मार्केटिंग प्लेटफार्म ई-नाम (E-NAM) में नए सॉफ्टवेयर के जरिए ये व्यवस्था की.

किसानों की फसल, सब्जी और फल बेचने के लिए सरकार ने बनाया नया सिस्टम, घर बैठे होगी बिक्री

नई दिल्ली: किसानों को अब अपनी फसल बाजार में लाने की जरूरत नहीं है. अब किसान के गांव से फसल बेची-खरीदी जा सकती है और फसल भी वहीं से उठा ली जाएगी. 

  1. किसान घर बैठे कर सकेंगे फसलों की बिक्री
  2. फसल की डिमांड और सप्लाई में अंतर कम होगा
  3. FFO को अच्छे ग्राहक मिल सकेंगे

सरकार ने एग्री मार्केटिंग प्लेटफार्म ई-नाम (E-NAM) में नए सॉफ्टवेयर के जरिए ये व्यवस्था की. इसके लिए किसानों को अपने घर के पास के मान्यता प्राप्त वेयरहाउस में अपनी फसल, सब्जी, फल रखने होंगे और उस रसीद के आधार पर ई-नाम प्लेटफार्म पर किसान अपने उत्पाद की खरीद बिक्री कर सकता है.

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के मुताबिक इससे फायदा ये है कि किसानों को मंडी जाने की जरूरत नहीं होगी. उनका ट्रांसपोर्टेशन चार्ज बचेगा. पूरे देश में किसी भी जगह जहां लाभ सही मिल रहे हैं वहां किसान अपनी फसल बेच सकेगा. 

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किसानों को वेयरहाउस में रखे उत्पाद पर लोन मिल सकता है और सबसे बड़ा फायदा ये कि कोरोना वायरस के चलते सोशल डिस्टेंसिंग में मदद मिलेगी. मंडियों में भीड़ कम होगी.

इसके अलावा फार्मर प्रोड्यूस ऑर्गेनाइजेशन (FPO) जो किसान से फसल खरीदते हैं, उनको भी मंडी आने की जरूरत नहीं है. उनको भी अपने कलेक्शन सेंटर से बैठे-बैठे ही फसल का व्यापार करने की सुविधा मिली है. 

कृषि मंत्रालय ने ये बदलाव भी लांच कर दिया है. इसमें वे अपनी फसल, सब्जी, फल की फोटो के आधार पर व्यापार कर सकते हैं.  इससे FFO को अच्छे ग्राहक मिल सकेंगे. फसल की डिमांड और सप्लाई में अंतर कम होगा. खर्च भी कम लगेगा.

वहीं  3,75,000 ट्रक के साथ ओला, उबर, टाइप एग्रीगेटर सर्विस भी लांच की है सरकार ने, जिससे फसल एक राज्य से दूसरे राज्य भेजी जा सकती है.

देश के 16 राज्य और 2 केंद्र शासित प्रदेश की मंडियां ई-नाम से जुड़ी हैं, कुल 585 मंडियां अभी जुड़ी हैं और 415 और जुड़ने वाली हैं. नई सुविधा का फायदा उठाने के लिए किसान ई-नाम से जुड़ सकता है. इससे किसानों को फायदा होगा.

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