सर्वदलीय बैठक आज, सीमा पर चीन से बढ़ते तनाव पर होगी चर्चा
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सर्वदलीय बैठक आज, सीमा पर चीन से बढ़ते तनाव पर होगी चर्चा

भारत-चीन के बीच सीमा पर बढ़ते तनाव को लेकर शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक होगी. इस बैठक में चीन के साथ संबंधों को लेकर सभी दलों के बीच चर्चा की जाएगी. सरकार सीमा पर बढ़ते तनाव को लेकर सभी दलों को अवगत कराएगी. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के घर पर यह बैठक होगी.

बैठक का आयोजन शाम चार से पांच बजे के बीच होगा. (file pic)

नई दिल्ली : भारत-चीन के बीच सीमा पर बढ़ते तनाव को लेकर शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक होगी. इस बैठक में चीन के साथ संबंधों को लेकर सभी दलों के बीच चर्चा की जाएगी. सरकार सीमा पर बढ़ते तनाव को लेकर सभी दलों को अवगत कराएगी. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के घर पर यह बैठक होगी.

सुषमा स्‍वराज जानकारी देंगी

केंद्रीय गृह मंत्री के घर पर होने वाली इस बैठक में हालात के बारे में विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज जानकारी देंगी. बैठक का आयोजन शाम चार से पांच बजे के बीच होगा. गौरतलब है कि डोकलाम सीमा को लेकर भारत-चीन के बीच तनाव चल रहा है. इस कारण दोनों देश के सैनिक नॉन कैबेटिव मोड में भिड़ भी चुके हैं.

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भारत सैनिक हटाए तो बातचीत संभव

चीन भी स्थिति पर साफ कह चुका है कि इस पूरे मुद्दे पर बातचीत तभी संभव है जब भारत अपने सैनिक हटाए. इस बीच अमेरिकी पमाणु विशेषज्ञों ने कहा कि भारत अपने परमाणु हथियारों को लगातार उन्‍नत बना रहा है. हाल ही में एक पत्रिका ‘आफटर मिडनाइट’ के जुलाई अगस्त के अंक में छपे इस लेख में यह दावा किया गया है कि भारत अब एक ऐसी मिसाइल बना रहा है जो कि दक्षिण भारत के अपने बेस से पूरे चीन को निशाना बना सकती हैं.

लेख में किया गया दावा

‘इंडियन न्यूक्यिर फोर्स 2017’ शीर्षक वाले अपने लेख में हॉन्स एम क्रिस्टेंसेन और रॉबर्ट एस नोरिस ने लिखा है, भारत 150 से 200 परमाणु हथियार बनाने के लिए पर्याप्त प्लूटोनियम बढ़ोत्तरी कर चुका है, लेकिन उसने 120 से 130 परमाणु हथियारों का ही निर्माण किया है.

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इससे पहले चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने भारत के विदेश सचिव की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि चीन कई बार कह चुका है कि भारतीय सैनिकों ने पारस्परिक रूप से मान्य सीमा रेखा को ‘अवैध तरीके से पार किया’ है. गेंग ने कहा, ‘यह सीमा क्षेत्र के अपरिभाषित खंडों में हुई झड़पों से अलग है.’ उन्होंने चीन का रुख दोहराते हुए कहा, ‘यह पूर्व, मध्य एवं पश्चिमी हिस्से में अपरिभाषित सीमा से पूरी तरह अलग है.

1890 की संधि के अनुसार सिक्किम खंड परिभाषित है और चीन एवं भारत दोनों ने इसे मान्यता दी हुई है.’ गेंग ने कहा, ‘यह संधि दोनों देशों के लिए प्रभावी है. और हम एक बार फिर भारत से सीमा के भारतीय क्षेत्र में तैनात सैनिकों को वापस बुलाने तथा जल्द से जल्द इस विवाद का उचित हल करने की मांग करते हैं.’

 

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