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नई दिल्ली : पशु मंडियों में वध के लिए पशुओं की खरीद-बिक्री पर पाबंदी के फैसले को लेकर सरकार बहुत सारे समूहों, राजनीतिक दलों और कई राज्य सरकारों के निशाने पर आ गई है. पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी और केरल की सरकारों ने कहा है कि वह इस फैसले को नहीं मानेगी. इस सबको ध्यान में रखते हुए माना जा रहा है कि केंद्र सरकार इस नए नियम में संशोधन कर सकती है.
सोमवार को एनडीए सरकार के फैसले के खिलाफ मद्रास आईआईटी में कम से कम 80 छात्रों ने बीफ फेस्ट मनाया. जबकि राष्ट्रीय चमड़ा परिषद ने सरकार से फैसले पर फिर से विचार करने को कहा. सूत्रों के मुताबिक, संभव है केंद्र सरकार प्रतिबंधित मवेशियों के दायरे से भैंस को बाहर रखने का फैसला कर सकती है. साथ ही सरकार 'मवेशी' की परिभाषा बदलने पर भी विचार कर रही है.
केंद्र सरकार के इस फैसले को लेकर राजनीतिक दबाव भी लगातार बढ़ता जा रहा है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस फैसले को असंवैधानिक और गैर-कानूनी करार दिया. इस विरोध में कुछ तस्वीरें भी देखने को मिलीं. केरल के कन्नूर में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने एक बछड़ा काट दिया जिसके बाद कांग्रेस को बचाव की मुद्रा में आना पड़ा. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि दोषी कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को निलंबित कर दिया गया है.
महाराष्ट्र के वाशिम में 26 मई को मालेगांव के शिरपुर गांव के तीन कारोबारी महज अफवाह पर पीट दिए गए. वीडियो वायरल हुआ तो पुलिस ने सात लोगों को पकड़ा. उघर मेघालय में भाजपा सांसद बर्नार्ड मराक ने सस्ता बीफ बेचने का वादा कर जता दिया कि पार्टी के गौवंश प्रेम की भी अपनी राजनीति है.