Government accurate data asylum abroad: विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि विदेशों में शरण के लिए आवेदन करने और शरण पाने वाले लोगों की वास्तविक संख्या के बारे में सरकार के पास सटीक आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं. मंत्रालय ने बताया कि ऐसा इसलिए है क्योंकि संबंधित विदेशी सरकारें गोपनीयता और डेटा सुरक्षा कानूनों के कारण ऐसे आंकड़ों को साझा करने में असमर्थता का हवाला देती हैं.


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विदेशों में शरण मांगने वाले भारतीयों की कुल संख्या?
राज्यसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में विदेश राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने यह जानकारी दी. वरिष्ठ सदस्य कपिल सिब्बल ने सरकार से विगत तीन वर्षों के दौरान विदेशों में शरण मांगने वाले भारतीयों की कुल संख्या पर सवाल किया था. उन्होंने यह भी पूछा कि क्या यह सच है कि वर्ष 2021 और 2023 के बीच संयक्त राज्य अमेरिका में शरण मांगने वाले भारतीयों की संख्या में 800 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और उनमें से आधे गुजरात से हैं.


तीन साल में 855% की बढ़ोतरी?
इसके पहले अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट (DHS) के आंकड़े के मुताबिक, भारतीय शरणार्थी आवेदनों की संख्या 2021 के वित्तीय वर्ष में 4,330 से बढ़कर 2023 के वित्तीय वर्ष में 41,330 हो गई है. ये 855 प्रतिशत की बढ़ोतरी है. भारतीय अधिकारियों का कहना है कि इन आवेदकों में से लगभग आधे गुजरात से आते हैं.


सरकार के पास नहीं आंकड़ें
इसके जवाब में सिंह ने कहा, ‘‘शरण के लिए आवेदन करने वालों की संख्या और शरण पाने वाले लोगों की वास्तविक संख्या या शरण मांगने अथवा प्रदान करने के आधार के बारे में सटीक आंकड़े उपलब्ध नहीं है, क्योंकि संबंधित विदेशी सरकारें गोपनीयता और डेटा सुरक्षा कानूनों के कारण ऐसे आंकड़ों को साझा करने में असमर्थता का हवाला देती हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत सरकार का मानना है शरण चाहने वाले, विदेशी सरकार से शरण के लिए आवेदन करते समय व्यक्तिगत लाभ प्राप्त करने के लिए देश और समाज को बदनाम करते हैं जबकि भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जो सभी को अपनी शिकायतों का कानूनी तरीके से निवारण करने के लिए अवसर प्रदान करता है.’’ इनपट भाषा से भी