प्याज के दाम पहुंचे 100 के पार, खाद्य मंत्री ने बारिश-बाढ़ को ठहराया जिम्मेदार
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प्याज के दाम पहुंचे 100 के पार, खाद्य मंत्री ने बारिश-बाढ़ को ठहराया जिम्मेदार

अब इस कमी की भरपाई जल्दी हो इसके लिए अफगानिस्तान, ईरान, तुर्की और मिश्र से प्याज आयात किया जाएगा. ये आयात जल्दी हो इसके लिए कृषि मंत्रालय ने आयात के नियमों में 30 नवंबर तक की ढील दी है.

प्याज के दाम पहुंचे 100 के पार, खाद्य मंत्री ने बारिश-बाढ़ को ठहराया जिम्मेदार

नई दिल्ली: देश के लोग एक बार फिर से प्याज (Onion) के आंसू रोने को तैयार हो जाएं. क्योंकि सरकार के पास बफर स्टॉक में महज़ 1500 टन प्याज़ बचा है. जबकि अब से 2 महीने पहले 57000 टन था. प्याज की कमी को देखते हुए खाद्य मंत्रालय ने प्याज के निर्यात के लिए विदेश मंत्रालय से सहायता मांगी है.  सरकार के मुताबिक इस साल प्याज का प्रोडक्शन 40 % कम हुआ. सरकार के मुताबिक प्याज़ उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान और मध्यप्रदेश में इस साल प्याज़ की उपज कम हुई है. 

अब इस कमी की भरपाई जल्दी हो इसके लिए अफगानिस्तान, ईरान, तुर्की और मिश्र से प्याज आयात किया जाएगा. ये आयात जल्दी हो इसके लिए कृषि मंत्रालय ने आयात के नियमों में 30 नवंबर तक की ढील दी है.

प्याज (Onion) के बढ़ते रेट को लेकर केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान (Ram vilas paswan) ने कहा है कि इस साल मौसम खराब होने की वजह से बुवाई कम हुई है और कुछ जगहों पर बारिश और बाढ़ से फसलों को नुकसान हुआ है. केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'आज भी हमने 2 -3 घंटे बैठक की है. इस साल प्रोडक्शन 30 से 40 % कम हुआ है . इसीलिए डिमांड और सप्लाई के बीच में 40 % का गैप हो गया है. आमतौर पर नवंबर महीने में प्याज के दाम कम हो जाते थे लेकिन इस बार दिक्कत हो रही है. हम लोगों ने पहले से कदम उठाए, बफर स्टॉक लगाया.'

रामविलास पासवान ने कहा, 'हम लोग निर्यात की बात कर तो रहे हैं, लेकिन दिक्कत ये है कि अगर उन देशों में दाम कम हो तब तो निर्यात किया जाए. फिर भी कुछ देशों से संपर्क किया गया है विदेश मंत्रालय के माध्यम से. हमारे पास बफर स्टॉक था 57000 क्विंटल . हमने सभी राज्य सरकारों से कहा था लेने के लिए. कुछ ने लिया भी, लेकिन कुछ प्याज़ पड़े-पड़े खराब हो गए.'

दरअसल अचानक बढ़े प्याज़ के दाम ने सरकार को इस कदर उलझन में डाल दिया है कि अब सरकार इस समस्या से बाहर निकलने के लिए जनता से सुझाव मांग रही है. दरअसल सरकार प्याज के बढ़े दाम से इसीलिए भी परेशान है क्योंकि जब जब प्याज़ के दाम ने 100 का आंकड़ा पार किया है इसका राजनीतिकरण जमकर हुआ है. 1998 में तो दिल्ली में बीजपी की सरकार प्याज़ के बढ़े दाम की वजह से ही चली गयी थी. 

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