भूमि कानून पर देश को गुमराह कर रही है मोदी सरकार : अन्ना
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भूमि कानून पर देश को गुमराह कर रही है मोदी सरकार : अन्ना

भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन के खिलाफ आंदोलन छेड़ने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने सरकार के इन संशोधनों के और ‘असरदार’ और ‘किसान हितैषी’ होने के दावे को खारिज करते हुए कहा कि वह लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है।

भूमि कानून पर देश को गुमराह कर रही है मोदी सरकार : अन्ना

नई दिल्ली : भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन के खिलाफ आंदोलन छेड़ने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने सरकार के इन संशोधनों के और ‘असरदार’ और ‘किसान हितैषी’ होने के दावे को खारिज करते हुए कहा कि वह लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है।

हजारे ने कहा कि भाजपा सरकार ने कालाधन मुद्दे और सत्ता के विकेंद्रीकरण सहित कई मोर्चे पर लोगों को गुमराह किया है, जबकि लोकसभा चुनावों में इसी पर वोट मांगा गया था। सरकार की ओर से उनकी मांग पर ध्यान नहीं दिये जाने पर गांधीवादी कार्यकर्ता ने राष्ट्रव्यापी ‘जेल भरो आंदोलन’ छेड़ने की धमकी दी है।

उन्होंने कहा कि पूर्व की संप्रग सरकार उनके भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से गिर गयी थी और ‘छह विकेट’ लेने का भी दावा किया। वस्तुत: छह विकेट का जिक्र महाराष्ट्र में छह कैबिनेट मंत्रियों के संदर्भ में था जिन्हें उनके आंदोलन के बाद इस्तीफा देना पड़ा था। हजारे ने कहा, ‘सरकार उद्योगपतियों के लिए चिंतित है लेकिन किसानों के लिए नहीं। देश अब जग चुका है। ये लोग सिंचित भूमि भी ले लेंगे और उद्योपतियों को दे देंगे।’

हजारे जंतर मंतर पर बड़ी संख्या में पहुंचे किसान कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे, जो प्रदर्शन में एक दिन देर से पहुंचे थे। हजारे ने कहा कि अध्यादेश में कई ऐसे खंड हैं जो किसानों के पक्ष में नहीं है। सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा, ‘नये कानून के तहत अगर किसानों की जमीन अधिग्रहित होती है तो वह तब तक अदालत नहीं जा सकता जब कि सरकार उसे इसकी अनुमति नहीं देती। अदालत जाना किसी भी व्यक्ति का मौलिक अधिकार है।’

अन्ना ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर भविष्य के कदम पर फैसले के लिए वह आठ-10 लोगों की एक कमेटी बनाएंगे। ‘भविष्य के कदम के बारे में फैसला करने के बाद हम आपसे (लोगों से) जेल भरो आंदोलन का आह्वान करेंगे। यह केवल तब होगा जब लोग, सरकार हमारी मांगों से जागेंगे।’ हजारे ने कहा, ‘सरकार अभी सत्ता के नशे में है और उसे उसकी जगह दिखाने की जरूरत है सत्ता से जो नशा मिलता है वह शराब के मिलने वाले नशे से अधिक खतरनाक है।’ मोदी पर निशाना साधते हुए हजारे ने कहा कि उन्होंने सत्ता के विकेंद्रीकरण का वादा किया था लेकिन किया ठीक इसका उल्टा।

हजारे ने कहा, ‘आपको (केंद्र) ग्राम सभा को कहना चाहिए जो बदलावों को लेकर लोकसभा या राज्यसभा से बड़ी होती है। सरकार इस अध्यादेश को लाकर ग्राम सभा को खत्म करना चाहती है और फिर लोकतंत्र को।’ उन्होंने कहा, ‘लोगों की संसद देश की संसद से बड़ी है।’ हजारे ने कहा, ‘उन्होंने (मोदी) दावा किया कि काला धन देश में लाया जाएगा और हरेक बैंक खाते में 15 लाख रूपये होगा लेकिन नौ महीने के बाद भी लोगों को 15 रूपये भी नहीं मिला है।’

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