बिना UPSC परीक्षा के संयुक्त सचिव पदों पर नियुक्ति; मोदी सरकार वापस ले सकती फैसला
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बिना UPSC परीक्षा के संयुक्त सचिव पदों पर नियुक्ति; मोदी सरकार वापस ले सकती फैसला

सरकार ने निजी क्षेत्र के पेशेवरों के लिए नौकरशाही का दरवाजा खोलते हुए यूपीएससी परीक्षाओं के विपरीत लैटेरल एंट्री के जरिये संयुक्त सचिव स्तर के पदों के लिए 10 आवेदन मंगाए थे.

बिना UPSC परीक्षा के संयुक्त सचिव पदों पर नियुक्ति; मोदी सरकार वापस ले सकती फैसला

नई दिल्ली: संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षाओं के बिना पाश्र्विक प्रवेश (लैटेरल एंट्री) के माध्यम से संयुक्त सचिव स्तर के पदों पर नियुक्ति को लेकर जारी अधिसूचना को केंद्र वापस लेने पर विचार तक सकती है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी पार्टियों के दबाव में सरकार शायद अपनी इस योजना को रोक दे. हालांकि आधिकारिक तौर पर अभी इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है. संयुक्त सचिव मंत्रालय या विभाग के सचिव/अवर सचिव को रिपोर्ट करते हैं तथा आईएएस, आईपीएस, आईएफएस और अन्य संबद्ध सेवाओं से उनकी नियुक्ति की जाती है.

  1. संयुक्त सचिव सरकार में वरिष्ठ प्रबंधन का महत्वपूर्ण स्तर पर होते हैं,
  2. जिनकी नियुक्ति यूपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षाओं के माध्यम से होती है.
  3. केंद्र ने संयुक्त सचिव स्तर के पदों के लिए 10 आवेदन मंगाए थे.

उल्लेखनीय है कि सरकार ने निजी क्षेत्र के पेशेवरों के लिए नौकरशाही का दरवाजा खोलते हुए रविवार (10 जून) को यूपीएससी परीक्षाओं के विपरीत लैटेरल एंट्री के जरिये संयुक्त सचिव स्तर के पदों के लिए 10 आवेदन मंगाए थे. सरकार ने कहा कि इस प्रस्ताव का मकसद शासन प्रणाली में नए विचार व नजरिए को शमिल करना और मानवशक्ति में इजाफा करना है. 

संयुक्त सचिव सरकार में वरिष्ठ प्रबंधन का महत्वपूर्ण स्तर पर होते हैं, जो अपने विभागों में नीति निर्माण और विभिन्न कार्यक्रमों व योजनाओं के कार्यान्वयन में अहम भूमिका निभाते हैं. वह संबंधित मंत्रालयों में सचिव व अतिरिक्त सचिव को रिपोर्ट करते हैं. संयुक्त सचिव के पद आमतौर पर यूपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षाओं के माध्यम से भरे जाते हैं.

अधिसूचना में क्या है
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की ओर से जारी एक अधिसूचना के अनुसार, भारत सरकार ने राष्ट्र निर्माण में योगदान करने के लिए संयुक्त सचिव स्तर पर सरकार में शामिल होने के इच्छुक मेधावी और अभिप्रेरित भारतीय नागरिकों को आमंत्रित करने का फैसला किया है.

अधिसूचना के अनुसार, राजस्व, वित्त सेवा, आर्थिक मामलों, कृषि, सड़क परिवहन और राजमार्ग, जहाजरानी, पर्यावरण और वन, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा, नागरिक उड्डयन और वाणिज्य के क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त आवेदक इन पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं. राज्य सरकारों और केंद्रीय या राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के आवेदक प्रतिनियुक्त पर रखे जाएंगे, जबकि निजी क्षेत्र के उम्मीदवारों की नियुक्ति संविदा के आधार पर होगी. विज्ञापन के अनुसार आवेदकों के लिए न्यूनतम उम्र एक जुलाई, 2018 तक 40 साल हो तथा वे मान्यताप्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से स्नातक हों. उच्च शिक्षा का अतिरिक्त लाभ मिलेगा.

जो लोग आवेदन देने के पात्र हैं, वे किसी राज्य, केंद्रशासित प्रदेश के अधिकारी हैं, बशर्ते वे समतुल्य स्तर पर पहले से कार्यरत हों या प्रासंगिक अनुभव के साथ अपने संवर्ग में समतुल्य स्तर पर नियुक्ति के लिए पात्र हों. उसमें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, स्वायत्त निकाय, वैधानिक संगठनों, विश्वविद्यालयों, मान्यताप्राप्त शोधसंगठनों में समतुल्य स्तर पर कार्यरत व्यक्ति शामिल हों और उनके पास कम से कम 15 साल का अनुभव हों. निजी क्षेत्र की कंपनियों, परामर्शदाता संगठनों, अंतरराष्ट्रीय या बहुराष्ट्रीय संगठनों में समतुल्य स्तर पर कार्यरत और कम से कम 15 साल का अनुभव रखने वाले व्यक्ति भी आवेदन दे सकते हैं.

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