इसके तहत हर परिवार के कम से कम एक सदस्य नियमित रूप से योगाभ्यास करेंगे. यह अवधारणा केरल के कुन्नमथानम गांव से आई है, जहां ग्राम पंचायत ने यह पहल की है.
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नई दिल्ली: आयुष मंत्रालय ने 21 जून को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से पहले देश में 500 गांवों को संपूर्ण योग ग्राम में तब्दील करने के लिए एक कदम उठाया है. इसके तहत हर परिवार के कम से कम एक सदस्य नियमित रूप से योगाभ्यास करेंगे. यह अवधारणा केरल के कुन्नमथानम गांव से आई है, जहां ग्राम पंचायत ने यह पहल की है.
देशभर में कुन्नमथानम मॉडल को अपनाने का उद्देश्य
आयुष मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि इस कदम का उद्देश्य समूचे देश में कुन्नमथानम मॉडल को अपनाना है. अधिकारी ने बताया, ‘‘ राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 ने उपचारात्मक पहलुओं की बजाय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और रोगों की रोकथाम पर जोर दिया है.’’ अधिकारी ने कहा, ‘‘ स्वास्थ्य के लिए योग सबसे उपयुक्त चीज है और नियमित रूप से योग करने से रोगों के बढ़ने में कमी आती है और इसका जीवन प्रत्याशा, शिशु मृत्यु दर तथा मातृत्व मृत्यु दर सहित अन्य पर स्वास्थ्य संकेतकों पर प्रभाव पड़ता है.’’
'हर गांव में होगी एक शोध विस्तार इकाई'
संपूर्ण योग ग्राम पहल के तहत हर गांव में एक शोध विस्तार इकाई होगी ताकि स्वास्थ्य मानदंड की समय- समय पर माप हो सके. इसके अलावा, मंत्रालय ने इस साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मुख्य कार्यक्रम के लिए- जयपुर, हैदराबाद, अहमदाबाद और मैसूर- सहित चार शहरों को चयनित किया है. इन चार नामों को अब प्रधानमंत्री कार्यालय( पीएमओ) को भेजा जाएगा जो एक शहर को चुनेगा और फिर मुख्य कार्यक्रम के आयोजन स्थल का चयन किया जाएगा.
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मुख्य कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में 21 से 23 मार्च को एक अंतरराष्ट्रीय योग कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. इसके बाद 10 राज्य स्तरीय उत्सव का अयोजन देश के विभिन्न हिस्सों में होगा. साथ ही, 100 योग गुरूओं को भी विदेशों में स्थित भारतीय दूतावास में तैनात किया गया है. कार्यक्रम में16 से अधिक देशों के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे.
(इनपुट - भाषा)