दादा भाई नौरोजी: वो स्वतंत्रता सेनानी जो ब्रिटिश संसद में बने थे भारतीयों की आवाज
दादा भाई नौरोजी ने ब्रिटिश संसद में भारतीयों की गरीबी और अशिक्षा का मुद्दा उठाया था और इसके लिए ब्रिटिश सरकार को जिम्मेदार ठहराया था.
नई दिल्ली: 'ग्रैंड ओल्ड मैन ऑफ इंडिया' के नाम से मशहूर दादा भाई नौरोजी का निधन आज ही के दिन वर्ष 1917 में हुआ था. वो भारत की आजादी की लड़ाई के प्रमुख नेताओं में से एक थे. दादा भाई नौरोजी ने ए. ओ. ह्यूम और दिनशॉ एदुलजी वाचा के साथ मिलकर साल 1985 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Indian National Congress) की स्थापना की थी.
बता दें कि दादा भाई नौरोजी ब्रिटिश सांसद बनने वाले पहले एशियाई व्यक्ति थे. उन्होंने ब्रिटिश संसद में भारतीयों की गरीबी और अशिक्षा का मुद्दा उठाया था और इसके लिए ब्रिटिश सरकार को जिम्मेदार ठहराया था. उन्होंने इस बात को भारतीयों के सामने भी रखा कि कैसे अंग्रेज यहां की संपत्ति लूट कर ब्रिटेन को अमीर बनाने में लगे हुए हैं. नौरोजी के विचारों का लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक, गोपाल कृष्ण गोखले और गांधी जी पर गहरा असर पड़ा.
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यहां खास बात ये है कि तीन अलग-अलग देशों में दादा भाई नौरोजी के नाम पर सड़कों का नाम रखा गया है और ये सड़कें भारत में मुंबई, पाकिस्तान में कराची और इंग्लैंड में लंदन में मौजूद हैं.
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