नई दिल्ली: ऑनलाइन ग्रॉसरी स्टार्टअप ग्रोफर्स (Grofers) के फाउंडर अलबिंदर ढींढसा ( Albinder Dhindsa) ने कंपनी के 10 मिनट में ग्रॉसरी डिलीवरी के वादे (10 Minute Delivery) पर मचे बवाल पर चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने साफ किया है कि घनी आबादी वाले इलाकों में उनकी कंपनी के स्टोर और कंपनी की बेहतरीन इन-स्टोर योजना और तकनीकि कौशल की बदौलत ज्यादातर ऑर्डर 2.5 मिनट में पैक हो जाते हैं. इसी आधार पर कंपनी ने 10 मिनट में डिलिवरी का वादा किया था. ट्विटर पर एक बयान में अलबिंदर ढींडसा ने यह भी कहा कि घोषणा को लेकर उनकी कंपनी की आलोचना को देखकर 'मेरा दिल टूट गया'.


आलोचकों को जवाब


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माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने लिखा कि भारत में हो रही नई पहल और स्टार्टअप की कामयाबी का जश्न मनाने के बजाय, हममें से कुछ लोग इसकी निंदा करना पसंद करते हैं.



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क्या है मामला?


दरअसल कंपनी ने कुछ समय पहले 10 मिनट डिलीवरी स्कीम शुरू की थी. इसी वजह से कंपनी को नेटिजंस की ऑनलाइन आलोचना का सामना करना पड़ा. दरअसल कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने आरोप लगाया है कि उसके डिलीवरी पार्टनर्स और डिलीवरी ब्वॉय को 10 मिनट के भीतर ऑर्डर देने के लिए जोखिम में डाला जा रहा है. 




(सांकेतिक तस्वीर)


इस तरह हुई शुरुआत


यह सब 13 मिनट में डिलीवरी प्राप्त करने पर एक उपयोगकर्ता के ट्वीट के साथ शुरू हुआ. हालांकि यूजर ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया है. इसके बाद शुरू हुए बखेड़े ने कंपनी के फाउंडर का दिल तोड़ दिया. वहीं सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इसका विरोध किया.



वहीं सीईओ की इस प्रतिक्रिया के बाद कई इंटरनेट यूजर्स ने कंपनी के समर्थन में भी ट्वीट किया.

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