सोना, परिधान और फुटवियर पर जीएसटी फिक्स: जानिए-नई कर व्यवस्था में क्या होगा सस्ता
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सोना, परिधान और फुटवियर पर जीएसटी फिक्स: जानिए-नई कर व्यवस्था में क्या होगा सस्ता

देश में एक जुलाई से लागू होने वाली वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत सोने और उसके आभूषणों की खरीदारी कुछ महंगी होगी जबकि 1,000 रुपये तक कीमत वाले परिधान सस्ते होंगे. आम आदमी के उपयोग वाले चप्पल, जूते भी नई कर व्यवस्था में सस्ते होंगे. बहरहाल, पश्चिम बंगाल को छोड़कर सभी राज्य सरकारों ने एक जुलाई से जीएसटी व्यवस्था लागू करने पर सहमति जताई है.

जेटली ने कहा कि फुटवियर और कपड़े के मामले में काफी बड़ी राहत दी गई है.

नई दिल्ली : देश में एक जुलाई से लागू होने वाली वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत सोने और उसके आभूषणों की खरीदारी कुछ महंगी होगी जबकि 1,000 रुपये तक कीमत वाले परिधान सस्ते होंगे. आम आदमी के उपयोग वाले चप्पल, जूते भी नई कर व्यवस्था में सस्ते होंगे. बहरहाल, पश्चिम बंगाल को छोड़कर सभी राज्य सरकारों ने एक जुलाई से जीएसटी व्यवस्था लागू करने पर सहमति जताई है.

जेटली की अध्यक्षता में हुई जीएसटी परिषद की बैठक

वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की शनिवार को यहां हुई बैठक में पैकिंग वाले ब्रांडेड खाद्य उत्पादों पर पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाना तय किया है. बीड़ी पर 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा लेकिन बीड़ी बनाने में काम आने वाले तेंदू पत्ता की बिक्री पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया जायेगा. हालांकि बीड़ी पर सिगरेट की तरह कोई उपकर नहीं लगाया जायेगा.

परिषद में लिये गये फैसले के मुताबिक सभी तरह के बिस्कुट पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा. इसी प्रकार 500 रुपये तक कीमत वाले फुटवियर पर पांच प्रतिशत दर से जीएसटी लगेगा जबकि इससे अधिक मूल्य वाले चप्पल-जूते खरीदन पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाया जायेगा.

कपड़े की श्रेणी में रेशमी और पटसन फाइबर को जीएसटी से मुक्त रखा गया है जबकि कपास और प्राकृतिक रेशे और सभी तरह के धागे पर पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाया जायेगा. मानव-निर्मित फाइबर और धागा हालांकि, 18 प्रतिशत जीएसटी की श्रेणी में आयेगा.

सभी तरह के कपड़े पर पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा

सभी तरह के कपड़े पर पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा जबकि 1,000 रुपये तक के मानव-निर्मित परिधानों पर पांच प्रतिशत की निम्न दर से जीएसटी लागू होगा. वर्तमान में इस पर सात प्रतिशत की दर से कर लगता है. एक हजार रुपये से अधिक मूल्य के कपड़ों पर 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा.

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बैठक के बाद कहा, ‘फुटवियर और कपड़े के मामले में काफी बड़ी राहत दी गई है.’उन्होंने कहा कि परिषद की अगली बैठक 11 जून को होगी जिसमें एक जुलाई से जीएसटी लागू करने की तैयारियों की समीक्षा की जायेगी.

जीएसटी परिषद की शनिवार को हुई 15वीं बैठक में बिना तराशे हीरों पर 0.25 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाने का भी फैसला किया गया. कृषि उपकरणों के लिये पांच और 12 प्रतिशत की दो दरें रखीं गई. इसके अलावा परिषद ने परिवर्तनकारी समय और रिटर्न फार्म के बारे में भी नियमों को मंजूरी दी. जीएसटी लागू होने पर परिवर्तन के दौर संबंधी नियमों में संशोधन का भी फैसला किया. इसमें जहां कर की दर 18 प्रतिशत से अधिक है उसमें व्यापारियों और खुदरा विक्रेताओं को सीजीएसटी अथवा एसजीएसटी बकाये के समक्ष 60 प्रतिशत के लिये दावा करने की अनुमति दी गई है. जहां कर की दर 18 प्रतिशत से कम होगी उसमें बकाया 40 प्रतिशत के लिये दावा किया जा सकेगा.

जीएसटी लागू होते समय बदलाव के दौर में कंपनियां भी लागू होने से पहले के अपने स्टॉक पर दी गई उत्पाद शुल्क में केन्द्रीय जीएसटी बकाये के तहत 40 प्रतिशत तक के क्रेडिट का दावा कर सकती हैं. राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि टीवी, फ्रिज और कर चेसिस जैसे श्रंखलाबंद्ध नंबर और विनिर्माता के ब्रांड नाम वाले 25,000 रुपये से अधिक मूल्य के उत्पादों पर सरकार 100 प्रतिशत उत्पाद शुल्क रिफंड करेगी.

जीएसटी परिषद की 11 जून को फिर होगी बैठक

सीएसडी कैंटीन के बारे में जेटली ने कहा, चूंकि इसमें मौजूदा मूल्य स्तर बनाये रखा जायेगा, इसलिये वर्तमान स्थिति को ही जिसमें उन्हें कराधान में आधे का लाभ दिया जाता है, उसे बनाये रखा जायेगा. जेटली ने कहा कि 11 जून को जीएसटी परिषद एक बार फिर बैठक करेगी जिसमें उद्योगों के ज्ञापन आधार पर फिटमेंट समिति को यदि लगता है कि उनके उत्पादों की मौजूदा दर में काफी वृद्धि हुई है तो उसकी समीक्षा की जायेगी.

इसके अलावा अगली बैठक में जीएसटी नेटवर्क अब तक किये गये कामकाज और आईटी तैयारियों को लेकर विस्तृत प्रस्तुतीकरण भी देगा. जीएसटी में उत्पाद शुल्क, सेवाकर और वैट सहित केन्द्र और राज्य में लगने वाले 16 विभिन्न करों को समाहित कर लिया जायेगा. इसके साथ ही पूरा देश साझा बाजार बन जायेगा.

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