2002 गोधरा कांड: SIT कोर्ट ने इमरान और फारूक भाना को ठहराया दोषी, 3 हुए बरी
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2002 गोधरा कांड: SIT कोर्ट ने इमरान और फारूक भाना को ठहराया दोषी, 3 हुए बरी

कोर्ट ने दो आरोपियों को दोषी करार दिया है. दोषी ठहराए गए लोगों के नाम इमरान और फारूक भाना है. इसके अलावा तीन आरोपियों को मामले से दोषमुक्त करार दिया गया है. 

गोधरा कांड की फाइल तस्वीर साभार: PTI

उदय रंजन, अहमदाबाद: साल 2002 में हुए गोधरा ट्रेन में आगजनी मामले में सोमवार को SIT कोर्ट ने फैसला सुनाया है. कोर्ट ने दो आरोपियों को दोषी करार दिया है. दोषी ठहराए गए लोगों के नाम इमरान और फारूक भाना है. इसके अलावा तीन आरोपियों को मामले से दोषमुक्त करार दिया गया है. हुसैन सुलेमान, कसम भेमेडी, फारूक धतिया, फारूक भाना, इमरान उर्फ़ शेरू भटुक के खिलाफ सुनवाई हो रही थी. साल 2002 गोधरा कांड मामले में 6 आरोपियों में से एक अब्दुलगनी पाटड़िया की 20 अगस्त 2017 में ट्रायल के दौरान मौत हो चुकी है.

  1. हुसैन सुलेमान, कसम भेमेडी, फारूक धतिया, फारूक भाना, इमरान थे आरोपी
  2. दोषी ठहराए गए लोगों के नाम इमरान और फारूक भाना है
  3. 2002 में ट्रेन में आगकर लोगों की हत्या की गई थी

हुसैन सुलेमान मोहन को 23 जुलाई 2015 को गिरफ्तार किया गया था. 13 साल 4 माह और 25 दिन तक गिरफ्तारी से बचता रहा. कासिम इब्राहिम भमेड़ी को 26 जुलाई 2015 को गिरफ्तार किया गया. यह 13 साल तक गिरफ़्तारी से भागता रहा. फारूक हाफिज धातिया को 30 अक्टूबर 2015 को गिरफ्तार किया गया था.  

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आरोपी फारूक मोहम्मद भाना को 18 अगस्त 12016 को गिरफ्तार किया गया. इमरान उर्फ़ शेरू भटक घांची को 13 जुलाई 2016 को गिरफ्तार किया गया. इस केस में सरकारी वकील जेएम पांचाल और एनएम प्रजापति ने दस्तावेजी सबूत और और गवाहों के आधार पर दो को दोषी साबित किया है. आरोपियों को ज्यादा से ज्यादा सजा देने की कोर्ट से मांग की गई है.

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एसआईटी की विशेष अदालत ने एक मार्च 2011 को इस मामले में 31 लोगों को दोषी करार दिया था, जबकि 63 को बरी कर दिया था. इनमें 11 दोषियों को मौत की सजा सुनाई गई, जबकि 20 को उम्रकैद की सजा हुई. बाद में उच्च न्यायालय में कई अपील दायर कर दोषसिद्ध को चुनौती दी गई, जबकि राज्य सरकार ने 63 लोगों को बरी किए जाने को चुनौती दी.

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