मिथक नहीं तोड़ पाई कांग्रेस, फिर इन्हीं 5 सीटों को जीतने वाली पार्टी को गुजरात में मिली गद्दी
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मिथक नहीं तोड़ पाई कांग्रेस, फिर इन्हीं 5 सीटों को जीतने वाली पार्टी को गुजरात में मिली गद्दी

गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जीत का सिक्सर लगाया है. इस जीत के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं, लेकिन इस बार के चुनाव परिणाम में भी राज्य की पांच सीटों का मिथक नहीं टूट पाया है.

गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद उत्साही कार्यकर्ता. तस्वीर साभार: PTI

नई दिल्ली: गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जीत का सिक्सर लगाया है. इस जीत के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं, लेकिन इस बार के चुनाव परिणाम में भी राज्य की पांच सीटों का मिथक नहीं टूट पाया है. गुजरात चुनाव के इतिहास पर नजर डालें तो राज्य की ये 5 सीटें ऐसी हैं, जिसपर जीतने वाली पार्टी की ही राज्य में सरकार बनती है. गुजरात में अंकलेश्वर, ओलपाड, सूरत पूर्व, सूरत पश्चिम और नवसारी पांच ऐसी सीटें हैं, जिसपर जीतने वाली पार्टी ही गुजरात की सत्ता पर काबिज होती रही है. इस बार भी इन पांचों सीटों पर बीजेपी प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है.

  1. अंकलेश्वर, ओलपाड, सूरत पूर्व, सूरत पश्चिम और नवसारी पांच ऐसी सीटें हैं खास
    यहां से जीतने वाली पार्टी की गुजरात में बनती है सरकार
    इस बार भी पांचों सीटें जीतने बीजेपी को मिला है बहुमत

पांचों सीटों पर जीते बीजेपी प्रत्याशी

  1. अंकलेश्वर: ईश्वर सिंह ठाकोरभाई पटेल-94899 वोट मिले.
  2. ओलपाड: पटेल मुकेश भाई-147828 वोट मिले.
  3. सूरत पूर्व: अरविंद शांतिलाल राना- 72638 वोट मिले.
  4. सूरत पश्चिम: बालार कांतिभाई हिम्मत भाई- 58788 वोट मिले.
  5. नवसारी: पीयूष भाई दिनकर भाई देसाई- 100060 वोट मिले.

अजब-गजब है इन पांच सीटों का इतिहास
ये पांचों विधानसभा सीटें आस-पास ही हैं. अंकलेश्वर सीट सूरत के पड़ोसी जिले भरुच में है. ओलपाड, सूरत पूर्व और सूरत पश्चिम सीट सूरत जिले में पड़ता है. नवसारी विधानसभा सीटी नवसारी जिले में है. इन पांच सीटों पर 1962 से 2012 तक इन पांच सीटों पर जिस भी पार्टी का प्रत्याशी जितता है उसकी ही गुजरात में सरकार बनती है.

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साल 1962 में अंकलेश्वर, ओलपाड, सूरत पूर्व, सूरत पश्चिम और नवसारी सीट पर कांग्रेस जीती थी. उस साल गुजरात में जीवराज नारायण की अगुवाई में कांग्रेस की सरकार बनी थी. इन पाचों सीटों पर कांग्रेस के जीत का सिलसिला 1967, 1972, 1980 और 1985 तक जारी रहा और राज्य में इसी पार्टी की सरकार बनती रही.

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दो बार टूटे हैं मिथक
साल 1990 के विधानसभा चुनाव में अंकलेश्वर, ओलपाड, सूरत पूर्व, सूरत पश्चिम और नवसारी सीट पर बीजेपी जीती. उस साल बीजेपी के सहयोग से चिमनभाई पटेल की अगुवाई में जनता पार्टी की सरकार बनी. इसके बाद 1995, 1998, 2007 और 2012 में इन पांचों सीटों पर बीजेपी जीतती आ रही है, और यही पार्टी 22 साल से सत्ता में बनी हुई है.

यूं तो अंकलेश्वर, ओलपाड, सूरत पूर्व, सूरत पश्चिम और नवसारी विधानसभा सीटों का इतिहास ऐसा है कि यहां जिस किसी पार्टी का उम्मीदवार विजयी होता है, गुजरात में सत्ता उसे ही मिलती रही है. 55 साल के इतिहास में दो मौके ऐसे आए हैं जब इन पांच में से एक सीट गंवाने के बाद भी कोई पार्टी सत्ता में आई है. साल 1975 में कांग्रेस सिर्फ सूरत पूर्व सीट हार गई, जिसके बावजूद वह सरकार बनाने में सफल रही. वहीं साल 2002 में सूरत पूर्व सीट पर बीजेपी हार गई थी, जिसके बाद भी नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बीजेपी सरकार बनाने में सफल हो गई थी.

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