गुजरात सरकार ने हिंदी भाषी प्रवासियों से लौटने की अपील की, हमलों को लेकर 431 गिरफ्तार
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गुजरात सरकार ने हिंदी भाषी प्रवासियों से लौटने की अपील की, हमलों को लेकर 431 गिरफ्तार

गुजरात में हिंदीभाषी प्रवासियों पर हमले के बाद उनके पलायन को देखते हुए राज्य के औद्योगिक इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं. 

गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने लोगों से हिंसा में शामिल नहीं होने की अपील की.

अहमदाबाद/पटना: गुजरात में हिंदीभाषी प्रवासियों पर हमले के बाद उनके पलायन को देखते हुए राज्य के औद्योगिक इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं. इस मामले में सियासी आरोप-प्रत्यारोप के बीच राज्य सरकार ने सोमवार को उनसे लौटने की अपील की. गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने लोगों से हिंसा में शामिल नहीं होने की अपील की. वहीं राज्य सरकार ने प्रवासियों को सुरक्षा का आश्वासन देते हुए कहा कि हमलों के संबंध में 431 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 56 प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं.

रुपाणी ने दावा किया कि पिछले 48 घंटों में कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि पुलिस ने स्थिति पर काबू पा लिया है. उन्होंने कहा कि पुलिस के गहन प्रयासों के कारण स्थिति नियंत्रण में है औैर पिछले 48 घंटों में कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है. उन्होंने राजकोट में संवाददाताओं से कहा, "हम कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं और परेशानी की स्थिति में लोग पुलिस को बुला सकते हैं. हम उन्हें सुरक्षा मुहैया कराएंगे." उत्तर प्रदेश और बिहार के मुख्यमंत्रियों- क्रमश: योगी आदित्यनाथ और नीतीश कुमार तथा केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने रुपाणी से बात की और हमलों को लेकर चिंता जताई.

पुलिस ने बताया कि 28 सितंबर को साबरकांठा जिले में 14 महीने की एक बच्ची के साथ कथित बलात्कार के बाद छह जिलों में हिंदीभाषी लोगों पर हमलों की कई घटनाएं हुई हैं.  पुलिस ने इस घटना के संबंध में बिहार के एक श्रमिक रवींद्र साहू को गिरफ्तार किया है.

उत्तर भारतीय विकास परिषद के अध्यक्ष महेशसिंह कुशवाह ने दावा किया कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार के करीब 20 हजार लोग गुजराज से बाहर चले गए हैं. इस मामले ने राजनीतिक रंग भी ले लिया और नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के एक नेता ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि गुजरात में बिहार के लोगों के खिलाफ हिंसा के लिए उनकी पार्टी दोषी है.

जेडीयू प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार ने आरोप लगाया, "आपने गुजरात के कांग्रेस विधायक अल्पेश ठाकुर को बिहार कांग्रेस का सहप्रभारी नियुक्त किया और उनकी सेना (गुजरात क्षत्रिय ठाकोर सेना) बिहार के लोगों को गुजरात से बाहर करने में जुटी है." 

विपक्षी कांग्रेस का नाम लिए बिना प्रदेश के गृह मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा ने कहा कि यह पता लगाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं कि क्या ये (हमले) उन लोगों की साजिश है जो 22 साल से गुजरात की सत्ता से बाहर हैं. वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अहमद पटेल ने हालांकि ठाकोर को क्लीनचिट देते हुए आरोप लगाया कि भाजपा सरकार मामले का राजनीतिकरण कर रही है.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुजरात में उत्तर भारतीय लोगों पर हमले को ‘पूर्णत: गलत’ करार दिया कहा कि वह पूरी तरह से इसके खिलाफ हैं. गांधी ने ट्वीट कर कहा, "ग़रीबी से बड़ी कोई दहशत नहीं है. गुजरात में हो रहे हिंसा की जड़ वहां के बंद पड़े कारख़ाने और बेरोज़गारी है. व्यवस्था और अर्थव्यवस्था दोनो चरमरा रही हैं." उन्होंने कहा, "प्रवासी श्रमिकों को इसका निशाना बनाना पूर्णत ग़लत है. मैं पूरी तरह से इसके ख़िलाफ़ खड़ा रहूंगा." 
 
पुलिस ने हमलों के सिलसिले में ठाकोर सेना के कई सदस्यों को गिरफ्तार किया है और कई प्राथमिकियों में संगठन का भी नाम लिया गया है. संगठन के अध्यक्ष और कांग्रेस विधायक अल्पेश ठाकोर ने आरोप लगाया है कि समुदाय के युवकों को फंसाया जा रहा है. काग्रेस नेता संजय निरूपम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है और कहा कि यह याद रखा जाना चाहिए कि उन्हें उत्तर प्रदेश के वाराणसी से चुनाव लड़ना है. मोदी लोकसभा में वाराणसी का प्रतिनिधित्व करते हैं.

नीतीश कुमार ने बच्ची के साथ दुष्कर्म की निंदा की और कहा कि अपराध करने वाले को निश्चित तौर पर दंडित किया जाना चाहिए. लेकिन अन्य लोगों के संबंध में समान धारणा नहीं रखनी चाहिए. नीतीश ने कहा, ‘‘हमारी गुजरात के मुख्यमंत्री और वहां के मुख्य सचिव से बातचीत हुई है. हमारे मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक लगातार उनके संपर्क में हैं.’’ आदित्यनाथ ने कहा कि रुपाणी ने उनसे कहा कि उनकी सरकार ने सभी के लिए सुरक्षा सुनिश्चित की है तथा सबका स्वागत है. उन्होंने कहा कि गुजरात एक शांतिप्रिय राज्य है और वे लोग अफवाहें फैला रहे हैं जो वहां का विकास मॉडल पसंद नहीं करते.

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