कलेक्टर ने 50 हजार के चेक से पत्रकारों को दी रिश्वत! सफाई में बोलीं- विज्ञापन के लिए दिए रुपये
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कलेक्टर ने 50 हजार के चेक से पत्रकारों को दी रिश्वत! सफाई में बोलीं- विज्ञापन के लिए दिए रुपये

इस मामले को लेकर कलेक्टर रेम्या मोहन ने प्रेस कांफ्रेंस कर सफाई दी है. उन्होंने कहा कि ये चेक अखबार में विज्ञापन के लिए दिए गए थे ना कि रिश्वत के तौर पर. 

प्रतीकात्मक तस्वीर.

रक्षित पंड्या, राजकोट: गुजरात के राजकोट में कलेक्टर कार्यालय द्वारा पत्रकारों को रिश्वत के तौर पर 50-50 हजार रुपए के चेक दिए जाने का मामला सामने आते ही हड़कंप मच गया. अब इस मामले को लेकर कलेक्टर रेम्या मोहन ने प्रेस कांफ्रेंस कर सफाई दी है. उन्होंने कहा कि ये चेक अखबार में विज्ञापन के लिए दिए गए थे ना कि रिश्वत के तौर पर. कलेक्टर ने कहा कि एक प्रमुख अखबार ने यह चेक लौटा दिया और हमपर रिश्वत देने का आरोप लगाया. 

राजकोट की कलेक्टर रेम्या मोहन ने बताया कि गणतंत्र दिवस समारोह के लिए शहर के कुछ लोगों ने फंड दान किया था. उन्होंने कहा कि समारोह से जुड़ी जानकारी को लोगों तक पहुंचाने के लिए शहर के प्रमुख आठ अखबारों को 50-50 हजार रुपए के विज्ञापन दिए गए थे. उन्होंने कहा कि इसमें से कई अखबारों के बिल भी आ चुके हैं. रेम्या मोहन ने बताया कि एक अखबार ने कवरेज नहीं की और चेक लौटा दिया. इसके बाद हमपर पत्रकारों को रिश्वत देने का आरोप लगा दिया गया.

कलेक्टर ने कहा कि सब जानते है कि रिश्वत कभी क्रॉस किए हुए चेक से नहीं दी जाती है. यह रुपये सरकार के या जनता के नहीं बल्कि दाताओं द्वारा दिए गए थे. जिनका इस्तेमाल गणतंत्र दिवस समारोह की जानकारियां आम लोगों तक पहुंचाने के लिए किया गया. उन्होंने कहा कि इसमें रिश्वत का कोई सवाल ही नहीं है. लेकिन अखबार ने इस चेक को रिश्वत के तौर पर क्यों लिया यह हमारी सोच से परे हैं. उन्होंने कहा कि यह उस अखबार का अंदरूनी मामला है. 

क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि राजकोट में 8 अखबारों के पत्रकारों को 50-50 हजार रुपए के चेक कलेक्टर कार्यालय की ओर से दिए गए. इन चेक पर कलेक्टर और रेसिडेंट एडिशनल कलेक्टर के हस्ताक्षर हैं. गणतंत्र दिवस के राज्य स्तरीय समारोह की मेजबानी के बाद कलेक्टर कार्यालय की ओर से ये चेक बांटे गए.ट

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