विजय रूपाणी ने तय समय से पहले शपथ लेकर सीएम योगी की तरह तोड़ा अंधविश्‍वास!
Advertisement

विजय रूपाणी ने तय समय से पहले शपथ लेकर सीएम योगी की तरह तोड़ा अंधविश्‍वास!

विजय रूपाणी जब पहली बार मुख्‍यमंत्री बने थे तो उन्‍होंने दोपहर में 12.39 मिनट पर ही शपथ ली थी. लेकिन इस बार तय समय से पूर्व 11.20 मिनट पर शपथ लेकर विजय रूपाणी ने शुभ समय संबंधी अंधविश्‍वास को तोड़ा.  

विजय रूपाणी ने दूसरी बार मुख्‍यमंत्री पद की शपथ ली.(फाइल फोटो)

अहमदाबाद: विजय रूपाणी ने दूसरी बार मुख्‍यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही यूपी के सीएम योगी आदित्‍यनाथ की तर्ज पर एक अंधविश्‍वास को भी तोड़ा है. सूत्रों के मुताबिक माना जा रहा है कि बीजेपी ने दोपहर 12.39 मिनट पर मुख्‍यमंत्री के शपथ ग्रहण का मुहूर्त निकलवाया था. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक बीजेपी इसको बेहद शुभ समय मानती रही है. पूर्व में भी सूबे में बीजेपी का शपथ ग्रहण इसी समय पर होता रहा है. विजय रूपाणी जब पहली बार मुख्‍यमंत्री बने थे तो उन्‍होंने दोपहर में 12.39 मिनट पर ही शपथ ली थी. लेकिन इस बार तय समय से पूर्व 11.20 मिनट पर शपथ लेकर विजय रूपाणी ने शुभ समय संबंधी अंधविश्‍वास को तोड़ा.  

  1. बीजेपी ने दोपहर 12.39 मिनट पर शपथ ग्रहण का मुहूर्त निकलवाया
  2. विजय रूपाणी ने उससे तकरीबन सवा घंटे पहले 11.20 मिनट पर शपथ ली
  3. इससे पहले यूपी के सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने नोएडा जाकर अंधविश्‍वास तोड़ा

योगी आदित्‍यनाथ ने 29 साल पुराना अंधविश्‍वास तोड़ा
इसी तरह योगी आदित्‍यनाथ पिछले दिनों 29 साल पुराने अंधविश्‍वास को तोड़ते हुए नोएडा पहुंचे. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार (23 दिसंबर) को नोएडा पहुंचकर यह मिथक तोड़ दिया कि सूबे का जो मुख्यमंत्री नोएडा आता है, उसकी कुर्सी चली जाती है. योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 25 दिसंबर को नोएडा में आने का कार्यक्रम तय हुआ तब से ही इस बात की चर्चा जोरों पर थी कि क्या सीएम योगी नोएडा आएंगे. शनिवार को उन्होंने नोएडा आकर इस भ्रम को भी तोड़ दिया. इस बाबत जब उनसे पूछा गया तो आदित्यनाथ ने कहा कि वह नोएडा आते रहेंगे. 

यह भी पढ़ें: कुर्सी गंवाने का डर छोड़ नोएडा पहुंचे योगी आदित्यनाथ, तोड़ा मिथक

सबसे पहले यह बात चर्चा में उस समय आई जब 1982 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह नोएडा में वीवी गिरी श्रम संस्थान का उद्घाटन करने आए थे. उसके बाद वह मुख्यमंत्री पद से हट गए. वर्ष 1988 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह फिल्म सिटी स्थित एक स्टूडियो में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने आए. वहां से उन्होंने कालिंदी कुंज पार्क का उद्घाटन किया था. उसके कुछ माह बाद ही वह मुख्यमंत्री पद से हट गए. वीर बहादुर सिंह के सीएम पद से हटने के बाद नारायण दत्त तिवारी यूपी के मुख्यमंत्री बने. वह भी नोएडा के सेक्टर 12 स्थित नेहरू पार्क का उद्घाटन करने वर्ष 1989 में आए. उसके कुछ समय बाद वह भी मुख्यमंत्री पद से हट गए.

शपथ ग्रहण समारोह: 15 साल बाद गुजरात पहुंचे नीतीश कुमार, PM मोदी से मिलाया हाथ

वर्ष 1994 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव नोएडा के सेक्टर 40 स्थित खेतान पब्लिक स्कूल का उद्घाटन करने आए. यादव ने मंच से कहा कि मैं इस मिथक को तोड़ कर जाऊंगा कि जो मुख्यमंत्री नोएडा आता है उसकी कुर्सी चली जाती है. उसके कुछ माह बाद ही वह मुख्यमंत्री पद से हट गए.

गुजरात: ये तीन पूर्व CM चुनाव में तो नहीं दिखे, लेकिन शपथ ग्रहण समारोह में मंच पर दिखे

अखिलेश यादव नहीं गए नोएडा
आलम यह हुआ कि उत्तर प्रदेश का कोई भी मुख्यमंत्री नोएडा आने से भय खाने लगा. वर्ष 2000 में जब डीएनडी फ्लाईओवर का उद्घाटन हुआ तो उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह ने नोएडा आने के बजाय दिल्ली से ही इसका उद्घाटन किया. मायावती ने 2008 में इस मिथक को तोड़ा. वह नोएडा में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करने आईं. उसके बाद वह लगातार चार बार नोएडा आईं. मायावती के सत्ता से हटने के बाद अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. लेकिन वह अपने पूरे कार्यकाल के दौरान इस औद्योगिक शहर में नहीं आए.

Trending news