राजकोट में पीएम मोदी ने कहा, मुझे दिल्ली पहुंचाने में इस शहर का बड़ा योगदान है
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राजकोट में पीएम मोदी ने कहा, मुझे दिल्ली पहुंचाने में इस शहर का बड़ा योगदान है

एक विशाल रोड शो के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजकोट की अहमियत बताते हुए कहा कि यहां के लिए उनके दिल में विशेष स्थान है.

राजकोट में एक रैली को संबोधित करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (एएनआई फोटो)

राजकोट: एक विशाल रोड शो के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार (29 जून) को राजकोट की अहमियत बताते हुए कहा कि यहां के लिए उनके दिल में विशेष स्थान है. उन्होंने कहा, 'मेरे दिल में राजकोट की जगह बेहद खास है. मुझे दिल्ली पहुंचाने में राजकोट का बड़ा योगदान है.' ये बातें उन्होंने राजकोट के रेसकोर्स  में आयोजित एक विशाल रैली में कही.

इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने राजकोट से शुरू हुए अपने राजनीतिक सफरनामे का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा,  'राजकोट के प्यार से मेरा राजनीतिक सफर शुरू हुआ.' आगे उन्होंने कहा, '40 साल के बाद कोई प्रधानमंत्री राजकोट आया. राजकोट में 40 साल बाद कोई पीएम किसी सरकारी कार्यक्रम में आया है.'

साबरमती में बोले पीएम मोदी: गौ भक्ति के नाम पर हत्या स्वीकार नहीं, हमारा देश अहिंसा की भूमि है

स्वघोषित गो-रक्षकों द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों में की जा रही हिंसा पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि गौ-भक्ति के नाम पर लोगों की हत्या स्वीकार नहीं की जा सकती. यहां साबरमती आश्रम मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, "समाज में हिंसा की कोई जगह नहीं है."

साबरमती आश्रम की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा, "गौ-भक्ति के नाम पर लोगों की हत्या स्वीकार नहीं की जाएगी. महात्मा गांधी आज होते तो इसके खिलाफ होते."

मोदी ने कहा कि किसी ने भी महात्मा गांधी व आचार्य विनोबा भावे से अधिक गाय सुरक्षा के बारे में बात नहीं की है. उन्होंने कहा, "हां, यह किया जाना चाहिए. लेकिन हमारा देश अहिंसा की भूमि है. यह महात्मा गांधी की भूमि है. हम यह क्यों भूल जाते हैं."

गो-रक्षा के नाम पर लोगों पर बढ़ते हुए हमलों का साफ तौर पर जिक्र करते हुए मोदी कहा, "आज मैं कुछ शब्द कहना चाहता हूं और कुछ चल रही चीजों पर दुख प्रकट करता हूं." उन्होंने कहा, "हिंसा से कभी किसी समस्या का समाधान न हुआ है और न होगा. इस देश में किसी व्यक्ति को कानून को अपने हाथों में लेने का अधिकार नहीं है."

मोदा ने कहा, "आइए हम सभी मिलकर काम करें व महात्मा गांधी के सपनों का भारत बनाएं. हम एक ऐसे भारत का निर्माण करें जिस पर हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को गर्व हो." देश के विभिन्न हिस्सों में स्वघोषित गो-रक्षकों द्वारा लगातार की जा रही हिंसा पर मोदी और उनकी सरकार की चली आ रही चुप्पी को तोड़ते हुए दो दिवसीय गुजरात दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री ने गुरुवार को यह बयान दिया.

पीएम नरेंद्र मोदी ने साबरमती आश्रम में चलाया चरखा, कहा- राष्ट्र के निर्माण का साक्षी रहा है यह स्थान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार (29 जून) को यहां साबरमती आश्रम को महात्मा गांधी की 'तपोभूमि' और उनकी आध्यात्मिक साधना की स्थली बताते हुए कहा कि इस स्थान ने पूरी मानवता को आलोकित किया है. मोदी साबरमती आश्रम के शताब्दी समारोह में भाग लेने यहां आये थे. गांधीजी 1917 से 1930 तक आश्रम में रहे थे.

आश्रम के संक्षिप्त दौरे के बाद मोदी ने आश्रम में स्थित 'हृदय कुंज' में आगंतुक पुस्तिका में संदेश भी लिखा. मोदी ने गुजराती में अपने संदेश में लिखा कि आश्रम केवल एक भवन या संस्थान नहीं है, बल्कि वह स्थान है जो राष्ट्र के निर्माण का साक्षी रहा है.

मोदी ने डायरी में लिखा, ''साबरमती आश्रम के सौ साल किसी इमारत, संस्थान या किसी गतिविधि के सौ वर्ष नहीं हैं. बापू ने देश को सैकड़ों सालों की दासता से उबारने के लिए इस स्थान को अपनी 'तपोभूमि' बनाया था और हमें 'स्वराज' दिया था.'' 

उन्होंने लिखा, ''यह आश्रम राष्ट्र-निर्माण की प्रक्रिया का प्रत्यक्ष गवाह रहा है. इस स्थान ने केवल भारत की नहीं, पूरी दुनिया की मानवता को आलोकित किया है. मैं इस तपोभूमि को प्रणाम करता हूं. मैं पूज्य बापू को श्रद्धांजलि देता हूं.'' 

मोदी ने अपने दौरे में आश्रम के न्यासियों से वहां चल रहीं गतिविधियों पर बातचीत की, एक पौधा रोपा, गांधीजी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और चरखा भी चलाया. 

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