गुरमीत राम रहीम के साथ हो रहा आम कैदियों जैसा बर्ताव : डीजी जेल
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गुरमीत राम रहीम के साथ हो रहा आम कैदियों जैसा बर्ताव : डीजी जेल

डीजी जेल केपी सिंह ने कहा कि यौन शोषण के दोषी राम रहीम को जेल में कोई स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं दिया जा रहा है. 

राम रहीम को सुनारिया जेल में रखा गया है. ( file)

रोहतक: जेल प्रशासन ने उन खबरों का खंडन किया है जिसमें बलात्कार के दोषी गुरमीत राम रहीम को जेल में स्पेशल ट्रीटमेंट सुविधाएं देने की बात कही जा रही थी. डीजी जेल केपी सिंह  ने कहा कि 'राम सिंह के साथ के आम कैदी जैसा ही बर्ताव किया जा रहा है. उन्हें कोई सहायक नहीं दिया गया और नहीं किसी एसी सेल में रखा गया है.' उन्होंने कहा, मैं यह साफ कर देना चाहता हूं कि राम रहीम को सुनारिया जेल में रखा गया है किसी गेस्ट में नहीं.' इससे पहले कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि राम रहीम को जेल में पूरा वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा है. इन खबरों में कहा गया था कि जिस सेल में बाबा राम रहीम को रखा गया है उसमें एसी लगा है. उन्हें पीने का प्योरिफायर लगा है. खबरों में कहा गया कि जेल में राम रहीम के साथ एक सहायक भी है. 

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शुक्रवार को सुनाया गया फैसला

सीबीआई अदालत के जज जगदीप सिंह ने डेरा सच्चा सौदा के 50 वर्षीय प्रमुख राम रहीम को 2002 में एक अनाम लिखित शिकायत के आधार पर दर्ज किए गए मामले में बलात्कार का दोषी करार दिया. शिकायत में उन पर दो महिला अनुयायियों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था. रिपोर्ट के आधार पर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के निर्देश पर उनके खिलाफ दिसंबर, 2002 में मामला दर्ज किया गया था. सीबीआई के वकील एचपीएस वर्मा ने अदालत के बाहर संवाददाताओं से कहा कि राम रहीम को सजा 28 अगस्त को सुनाई जाएगी. उन्हें इस मामले में कैद की सजा सुनाई जा सकती है जो सात साल से कम नहीं होगी। इसे उम्रकैद तक बढ़ाया जा सकता है.

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अदालत का फैसला आते ही डेरा समर्थकों ने की हिंसा

बता दें कि पंचकूला की एक विशेष सीबीआई अदालत ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को 2002 के बलात्कार के एक मामले में शुक्रवार को दोषी करार दिया, जिसके बाद पंजाब एवं हरियाणा में उनके समर्थकों ने व्यापक हिंसा और आगजनी की और प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए पुलिस ने गोली चलाई. हिंसा में 30 लोगों की मौत हो गई और 250 से ज्यादा लोग घायल हो गए. इसके बाद यहां और कई स्थानों पर कर्फ्यू लगा दिया गया. सीबीआई अदालत का फैसला आने के कुछ ही घंटे के भीतर दिल्ली, पंजाब और राजस्थान में डेरा सच्चा सौदा के समर्थकों की हिंसा और आगजनी की खबरें आने लगी.

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