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गुवाहाटी: गुवाहाटी नगर निगम (जीएमसी) ने सिविक सोसायटी के लिए गलत बर्ताव पर रोक लगाने के लिए एक अहम कदम उठाया है. निगम ने आदेश के मुताबिक शहर के पार्लर (Massage Parlours) और सलून में अब कोई मर्द किसी महिला ग्राहक की मसाज या थेरैपी नहीं करेगा और ऐसा ही नियम महिलाओं पर लागू होगा.
जीएमसी कमिश्नर की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि निगम 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' के सिद्धांत से निर्देशित है और कारोबारियों के सलून, ब्यूटी पार्लर या स्पा लगाने पर कोई आपत्ति नहीं है. हालांकि, इसके लिए व्यापार लाइसेंस देने की शर्तें निर्धारित की गई हैं.
तेरह नवंबर को जारी आदेश में कहा गया है, 'पार्लर/स्पा/सलून के परिसर के भीतर कोई स्पेशल रूम नहीं होना चाहिए. साथ ही अपोजिट सेक्स (Opposite Sex) के सदस्यों द्वारा थेरैपी या मसाज नहीं की जा सकती.' इसमें यह भी कहा गया है कि इन सलून में ‘स्टीम बाथ’ (Steam Bath) की सुविधा हो सकती है लेकिन किसी भी स्थिति में विपरीत लिंग के व्यक्ति को किसी भी तरह से मदद करने की इजाजत नहीं दी जाएगी.
जीएमसी के आदेश में कहा गया है, "मेन गेट ट्रांसपेरेंट होने चाहिए साथ ही स्पा और यूनिसेक्स पार्लर (Unisex Parlours) में काबिल थेरैपिस्ट होने चाहिए. निगम ने आगे कहा कि इन व्यापारिक प्रतिष्ठानों में सभी ग्राहकों के पते और फोन नंबर दर्ज किए जाने चाहिए.
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गुवाहाटी में अपनी तरह के इस पहले आदेश को जारी करने का कारण बताते हुए, जीएमसी ने कहा, 'लोगों से कुछ स्पा और यूनिसेक्स पार्लर में गलत बर्ताव की कई शिकायत मिली हैं, जिसे समाज के लिए खराब माना गया है.’ साथ ही निगम सार्वजनिक नैतिकता और एक नागरिक समाज को शासित करने वाले कानूनों का सम्मान करने के लिए बाध्य है.
महिला पार्लर चलाने वाली रश्मि ने आदेश का स्वागत करते हुए कहा, 'अगर इस पेशे की आड़ में अवैध गतिविधियों को चलाने वाले तत्वों पर लगाम लगाई जाती है तो यह अच्छा होगा.' सुंदरपुर और बेलटोला में दो यूनिसेक्स स्पा चलाने वाले एक उद्यमी ने कहा कि यह आदेश उनके जैसे कई रियल पार्लरों के व्यवसाय को खत्म कर देगा.