Gyanvapi Case: आखिर किस बात से डरी हुई है ज्ञानवापी मस्जिद कमेटी? कोर्ट से की सर्वे रिपोर्ट को गोपनीय रखने की मांग
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Gyanvapi Case: आखिर किस बात से डरी हुई है ज्ञानवापी मस्जिद कमेटी? कोर्ट से की सर्वे रिपोर्ट को गोपनीय रखने की मांग

Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मस्जिद कमेटी ने कोर्ट में अर्जी देकर सर्वे रिपोर्ट को सार्वजनिक न करने की मांग उठाई है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि ऐसी कौन सी बात है, जिसे कमेटी लोगों के सामने नहीं आने देना चाहती. 

Gyanvapi Case: आखिर किस बात से डरी हुई है ज्ञानवापी मस्जिद कमेटी? कोर्ट से की सर्वे रिपोर्ट को गोपनीय रखने की मांग

Gyanvapi Case: वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद कमेटी ने जिला अदालत से गुहार लगाई है कि मस्जिद सर्वेक्षण मामले में आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक न की जाए. कमेटी ने इस संबंध में कोर्ट में अर्जी दाखिल की है. इस अर्जी पर 30 मई को सुनवाई होगी. उसी दिन तय होगा कि रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी या गोपनीय रखकर ही आगे की सुनवाई होगी. 

सर्वे की रिपोर्ट-तस्वीरें सार्वजनिक न की जाएं

कमेटी के वकील मेराजुद्दीन सिद्दीकी ने बताया कि उन्होंने मस्जिद के सर्वे (Gyanvapi Case) के संबंध में कोर्ट में अर्जी दाखिल की है. इस अर्जी में अनुरोध किया है कि आयोग की रिपोर्ट, तस्वीरें और वीडियो केवल संबंधित पक्षों के साथ ही साझा किए जाएं. इन सब चीजों को सार्वजनिक नहीं किया जाए. मेराजुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि जब तक आपत्ति दाखिल नहीं हो जाती है, तब तक ये सब चीजें सार्वजानिक नहीं होनी चाहिए.

हिंदू महिलाओं ने कोर्ट से मांगा पूजा का हक

इससे पहले जिला अदालत में गुरुवार को काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी परिसर (Gyanvapi Case) के मसले पर सुनवाई हुई. मामले मे याचिकाकर्ता पांचों हिंदू महिलाओं ने कोर्ट से मांग की कि उन्हें श्रृंगार गौरी स्थल की दैनिक पूजा की अनुमति दी जाए. वहीं मुस्लिम पक्ष ने तर्क दिया है कि यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है क्योंकि पूजा स्थल अधिनियम 1991 किसी भी पूजा स्थल के धर्मांतरण पर रोक लगाता है. मुस्लिम पक्ष के मुताबिक 1991 का कानून किसी भी पूजा स्थल के उस धार्मिक चरित्र को बनाए रखने का आदेश देता है, जो 15 अगस्त, 1947 को अस्तित्व में था. कोर्ट ने इस मसले पर सुनवाई के लिए 30 मई की तारीख लगाई है. 

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अब जिला जज कर रहे मामले की सुनवाई

बताते चलें कि वाराणसी की सिविल कोर्ट में अर्जी दाखिल होने के बाद कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर (Gyanvapi Case) के वीडियो ग्राफिक्स सर्वेक्षण का आदेश दिया था. इस सर्वे के बाद हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि पड़ताल के दौरान एक 'शिवलिंग' पाया गया था. वहीं मुस्लिम पक्ष उसे फव्वारा बताते हुए हिंदू पक्ष की अर्जी का विरोध किया था. मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह केस 20 मई को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) से लेकर जिला जज को ट्रांसफर कर दिया था. उसके बाद से इस मामले की सुनवाई अब जिला जज खुद कर रहे हैं. 

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